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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा, स्थायी शांति की दिशा में कदम

अफगानिस्तान और पाकिस्तान ने एक हफ्ते से अधिक समय तक चले घातक सीमा संघर्षों के बाद युद्धविराम की घोषणा की है। क़तर की मध्यस्थता में हुई वार्ताओं के परिणामस्वरूप यह सहमति बनी है, जिसमें स्थायी शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं। जानें इस संघर्ष के पीछे के कारण और दोनों देशों के बीच तनाव की जड़ें।
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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा, स्थायी शांति की दिशा में कदम

युद्धविराम की सहमति

एक सप्ताह से अधिक समय तक चले गंभीर सीमा संघर्षों के बाद, जिसमें कई लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए, अफगानिस्तान और पाकिस्तान ने तुरंत युद्धविराम पर सहमति जताई है।


क़तर की मध्यस्थता

क़तर के विदेश मंत्रालय ने 19 अक्टूबर को पुष्टि की कि दोनों देशों ने न केवल युद्धविराम, बल्कि स्थायी शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए तंत्र स्थापित करने पर भी सहमति बनाई है।


गहन वार्ताओं का परिणाम

यह युद्धविराम क़तर और तुर्की की मध्यस्थता में हुई गहन वार्ताओं के परिणामस्वरूप संभव हुआ, जिसमें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने तालिबान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की।


स्थायी शांति की दिशा में कदम

दोनों पक्षों ने स्थायी शांति और स्थिरता को मजबूत करने के लिए व्यवस्थाएं स्थापित करने पर सहमति जताई है। इसके अलावा, युद्धविराम की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए आने वाले दिनों में फॉलो-अप वार्ताएं आयोजित करने पर भी सहमति बनी है।


संघर्ष का पुनरारंभ

यह संघर्ष 14 अक्टूबर की रात को अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक और पाकिस्तान के चमन जिलों में फिर से शुरू हुई झड़पों के बाद भड़क उठा। पाकिस्तानी सेना ने बताया कि इन झड़पों में उसके 23 सैनिक मारे गए।


पहले का युद्धविराम

इससे पहले, प्रारंभिक 48 घंटे का युद्धविराम बुधवार को लागू हुआ था, लेकिन यह शुक्रवार शाम को समाप्त हो गया। इसके कुछ घंटों बाद पाकिस्तान ने सीमा पार जवाबी हमला किया।


हवाई हमलों के परिणाम

अफगान अधिकारियों के अनुसार, इन हवाई हमलों में कम से कम 10 नागरिक मारे गए, जिनमें महिलाएं, बच्चे और स्थानीय क्रिकेटर शामिल थे, जो पास में एक मैच खेल रहे थे।


क्षेत्रीय शक्तियों की अपील

सऊदी अरब और कतर जैसी क्षेत्रीय शक्तियों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, क्योंकि यह संघर्ष एक ऐसे क्षेत्र में अस्थिरता का खतरा पैदा कर रहा है जहां इस्लामिक स्टेट और अल-क़ायदा जैसे आतंकवादी समूह फिर से उभरने की कोशिश कर रहे हैं।


लंबे समय से चले आ रहे तनाव का परिणाम

यह ताजा हिंसा 2,611 किलोमीटर लंबी सीमा पर सक्रिय आतंकवादी समूहों के कारण दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव का परिणाम है। पाकिस्तान अफगानिस्तान पर सशस्त्र समूहों को पनाह देने का आरोप लगाता रहा है, जिसे तालिबान शासकों ने लगातार खारिज किया है।