अमेरिका की नई नीतियों से वेनेजुएला और चीन पर पड़ेगा बड़ा असर
ट्रंप का कड़ा कदम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला की निकोलस मादुरो सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए सभी प्रतिबंधित तेल टैंकरों की पूर्ण नाकाबंदी का आदेश दिया है। यह निर्णय वेनेजुएला के तेल निर्यात को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है, जो मुख्य रूप से चीन को भेजा जाता है।
चीन को होगा नुकसान
इससे चीन को गंभीर नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि बीजिंग ने पिछले 20 वर्षों में वेनेजुएला को लगभग 60 अरब डॉलर का कर्ज दिया है, जिसका भुगतान तेल की आपूर्ति से किया जा रहा है।
नाकाबंदी का आदेश
ट्रंप ने दिसंबर 2025 में यह घोषणा की थी कि अमेरिका वेनेजुएला के प्रतिबंधित टैंकरों को आने-जाने से रोकेगा। अमेरिकी नौसेना की तैनाती के साथ यह कार्रवाई शुरू हो चुकी है। हाल ही में एक टैंकर को जब्त किया गया था, जो चीन और क्यूबा की ओर जा रहा था। यदि यह नाकाबंदी सख्त होती है, तो वेनेजुएला का तेल निर्यात रुक सकता है, जिससे मादुरो सरकार की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
चीन पर प्रभाव
चीन वेनेजुएला का सबसे बड़ा तेल खरीदार है, जो 2025 में प्रतिदिन 6 लाख बैरल से अधिक तेल आयात करता है, जो उसके कुल आयात का लगभग 4 प्रतिशत है। यह भारी और सस्ता तेल चीनी रिफाइनरियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
हालांकि, प्रतिबंधों के बावजूद, चीन अप्रत्यक्ष तरीकों से, जैसे मलेशिया के माध्यम से, यह तेल लेता रहा है। लेकिन अब अमेरिकी नाकाबंदी से सप्लाई चेन में बाधा आ सकती है। इससे चीन को महंगा तेल अन्य देशों से खरीदना पड़ सकता है, जैसे रूस या मध्य पूर्व से।
चीन का निवेश खतरे में
पिछले 20 वर्षों में, चीन ने वेनेजुएला को 60 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज दिया है, जो मुख्य रूप से 'तेल के बदले कर्ज' वाली डीलों में शामिल है। चीनी कंपनियां वेनेजुएला के तेल क्षेत्रों में निवेश कर रही हैं। यदि तेल की आपूर्ति बाधित होती है, तो कर्ज की वसूली में कठिनाई हो सकती है।
हालांकि निजी चीनी कंपनियां अभी भी सक्रिय हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर नए निवेश रुके हुए हैं। यह स्थिति चीन की ऊर्जा सुरक्षा को चुनौती दे सकती है।
वैश्विक बाजार पर प्रभाव
यह टकराव वैश्विक तेल बाजार को भी प्रभावित कर सकता है। वेनेजुएला की सप्लाई बाधित होने के कारण तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। चीन सतर्क है और अमेरिका से सीधे टकराव से बच रहा है, लेकिन कूटनीतिक दबाव बढ़ा सकता है।
ट्रंप का यह कदम लैटिन अमेरिका में चीन के प्रभाव को कम करने की कोशिश प्रतीत होता है। कुल मिलाकर, मादुरो पर दबाव डालने के बहाने ट्रंप चीन को एक बड़ा झटका दे रहे हैं। यदि सप्लाई पूरी तरह से रुक गई, तो चीन के 60 अरब डॉलर डूबने का खतरा है।
