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अमेरिका की रेयर अर्थ मिनरल्स पर चीन के वर्चस्व को चुनौती

अमेरिका ने चीन के रेयर अर्थ मिनरल्स पर नियंत्रण को चुनौती देने के लिए भारत और यूरोप से सहयोग की उम्मीद जताई है। डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया है, जबकि चीन पर कई आरोप भी लगाए गए हैं। जानें इस प्रतिस्पर्धा के पीछे की कहानी और भारत की भूमिका क्या हो सकती है।
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अमेरिका की रेयर अर्थ मिनरल्स पर चीन के वर्चस्व को चुनौती

अमेरिका और रेयर अर्थ मिनरल्स


अमेरिका की स्थिति: जब से दुनिया का निर्माण हुआ है, तब से शक्तियों के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है। वर्तमान में, यह प्रतिस्पर्धा और भी तीव्र हो गई है। अमेरिका, चीन और अन्य देशों ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। विशेष रूप से, डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद, अमेरिका ने खुद को सबसे शक्तिशाली देश के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया है। फिर भी, एक क्षेत्र में अमेरिका चीन से पीछे है।


चीन रेयर अर्थ मिनरल्स के मामले में सबसे प्रमुख देश है। चीन के पास इन मिनरल्स की विशाल मात्रा है, जो ट्रंप के लिए चिंता का विषय है। ट्रंप अब भारत और यूरोप के सहयोग से चीन के इस वर्चस्व को चुनौती देना चाहते हैं। इस संदर्भ में भारत की भूमिका देखना दिलचस्प होगा।


भारत और यूरोप से सहयोग की आशा

हाल ही में, ट्रंप ने भारत पर उच्चतम टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, जबकि वे चाहते हैं कि भारत चीन के खिलाफ उनके प्रयासों में सहयोग करे। जब अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से पूछा गया कि अमेरिका इस मामले को कैसे संभालेगा, तो उन्होंने कहा कि हमें भारत और यूरोपीय देशों से समर्थन की आवश्यकता है। यह बयान सुनने में सामान्य लग सकता है, लेकिन वर्तमान में भारत की स्थिति को देखते हुए यह अपेक्षा करना आश्चर्यजनक है। अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिससे भारतीय व्यापारियों को नुकसान हुआ है। बेसेंट ने भारत के खिलाफ कई बार बयान दिए हैं, और अब इस मामले में सहयोग की अपेक्षा करना अमेरिका की स्वार्थी नीति को दर्शाता है।


चीन पर गंभीर आरोप

बेसेंट ने मीडिया से बातचीत में इसे चीन बनाम विश्व की स्थिति बताया। उन्होंने कहा कि चीन एक नियंत्रित अर्थव्यवस्था है और अमेरिका इसे नहीं होने देगा। उन्होंने यूरोपीय देशों, भारत और एशिया से समर्थन की उम्मीद जताई। इसके साथ ही, उन्होंने चीन के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि चीन की रेयर अर्थ मिनरल्स का निर्यात न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है। उन्होंने ट्रंप के दावों को दोहराते हुए कहा कि अमेरिका विश्व शांति के लिए काम कर रहा है, जबकि चीन युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है। चीन में विश्व के लगभग 60 प्रतिशत रेयर अर्थ मिनरल्स का खनन और 90 प्रतिशत परिष्करण होता है। भारत में भी इन मिनरल्स की बड़ी मात्रा मौजूद है।