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अमेरिका ने कोलंबिया को आर्थिक सहायता रोकने की घोषणा की

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोलंबिया को दी जाने वाली सभी आर्थिक सहायता और सब्सिडी को तुरंत रोकने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेत्रो ड्रग्स उत्पादन रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। इस निर्णय से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है, और पेत्रो ने ट्रंप के बयान को अभद्र बताया है। स्थिति बेहद संवेदनशील है, जिससे राजनयिक और आर्थिक संबंधों पर असर पड़ने की आशंका है।
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अमेरिका ने कोलंबिया को आर्थिक सहायता रोकने की घोषणा की

अमेरिकी राष्ट्रपति की नई घोषणा

रविवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह घोषणा की कि अमेरिका कोलंबिया को दी जाने वाली सभी आर्थिक सहायता और सब्सिडी को तुरंत रोक देगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेत्रो "ड्रग्स उत्पादन रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं," जबकि अमेरिका ने पिछले कई वर्षों में इस मुद्दे पर भारी धनराशि खर्च की है.


कोलंबिया को दी गई सहायता

इस वित्तीय वर्ष में, अमेरिका ने कोलंबिया को लगभग 210 मिलियन डॉलर की सहायता प्रदान की है, जिसमें से 31 मिलियन डॉलर कृषि सहायता के रूप में शामिल हैं। हालांकि, ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किन विशेष भुगतानों की बात कर रहे हैं, लेकिन यह ध्यान देने योग्य है कि सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में कोलंबिया अमेरिका का प्रमुख सहयोगी रहा है.


दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव

इस घोषणा से पहले, अमेरिका और कोलंबिया के बीच तनाव बढ़ चुका था। हाल की जानकारी के अनुसार, अमेरिका ने कैरेबियन सागर में ड्रग तस्करी से संबंधित नौकाओं पर सात सैन्य हमले किए हैं। शुक्रवार को एक हमले में एक संदिग्ध नाव पर मौजूद तीन व्यक्तियों की मौत हो गई। ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि पेत्रो ने ड्रग उत्पादन क्षेत्रों को बंद नहीं किया, तो अमेरिका "खुद कार्रवाई करेगा."


पेत्रो का प्रतिक्रिया

पेत्रो ने ट्रंप के बयान को "अभद्र और अज्ञानपूर्ण" करार दिया और कोलंबियाई नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक गैब्रियल गार्सिया मार्केस का उल्लेख करते हुए कहा कि ट्रंप को 'वन हंड्रेड इयर्स ऑफ सॉलीट्यूड' पढ़नी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह एक समाजवादी हैं जो मानव जीवन और सामूहिक भलाई को प्राथमिकता देते हैं. स्थिति वर्तमान में अत्यंत संवेदनशील है और इससे दोनों देशों के राजनयिक और आर्थिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है.