अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के लिए यात्रा में बढ़ी चुनौतियाँ
नई दिल्ली: प्रवासियों की कठिनाइयाँ
नई दिल्ली: अमेरिका में भारतीय प्रवासियों के लिए हालात अब और भी चुनौतीपूर्ण हो गए हैं। ट्रंप प्रशासन की नई इमिग्रेशन नीतियों के कारण कई लोग विदेश यात्रा करने से हिचकिचा रहे हैं। यहां तक कि वे अपने घरों के अंदर भी सतर्कता बरत रहे हैं।
इमिग्रेशन अधिकारियों का डर
हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि कई प्रवासी अब लंबी यात्रा से बच रहे हैं, क्योंकि उन्हें चिंता है कि कहीं वे इमिग्रेशन अधिकारियों की नजर में न आ जाएं। विशेष रूप से भारतीय एच-1बी वीजा धारक इस चिंता से सबसे अधिक प्रभावित हैं।
वीजा नियमों में सख्ती
ट्रंप प्रशासन ने 2025 में एच-1बी वीजा पर कई नए प्रतिबंध लागू किए हैं। नए आवेदनों के लिए भारी शुल्क निर्धारित किया गया है और सोशल मीडिया की जांच को भी बढ़ा दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप वीजा इंटरव्यू की तारीखें महीनों पीछे हो गई हैं।
कई भारतीय पेशेवर जो भारत आकर वीजा नवीनीकरण करना चाहते थे, अब वहीं फंस गए हैं। कंपनियों जैसे गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कर्मचारियों को सलाह दी है कि वे विदेश यात्रा से बचें, क्योंकि लौटने में समस्याएँ हो सकती हैं।
यात्रा से परहेज
एक उदाहरण टेक्सास में रहने वाली एक युवा आईटी पेशेवर का है। उन्होंने दो साल बाद परिवार से मिलने के लिए भारत आने की योजना बनाई थी, लेकिन नई नियमों की जानकारी मिलने पर उन्होंने अपनी यात्रा रद्द कर दी।
उनके पिता ने कहा कि भले ही वीजा वैध हो, लेकिन अतिरिक्त जांच का खतरा अधिक है। ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां लोग परिवार से मिलने का अवसर छोड़ रहे हैं।
सर्वेक्षण में चिंताएँ
कैसर फैमिली फाउंडेशन (KFF) और न्यूयॉर्क टाइम्स के 2025 के सर्वेक्षण के अनुसार, अमेरिका में रहने वाले हर तीन प्रवासियों में से एक ने यात्रा करने से परहेज किया है।
यह डर इमिग्रेशन से जुड़ी चिंताओं के कारण है। कानूनी रूप से रहने वाले प्रवासियों में भी यह संख्या काफी अधिक है। यहां तक कि अमेरिकी नागरिक बने लोग भी विदेश यात्रा टाल रहे हैं।
छुट्टियों का मौसम और बढ़ती चिंताएँ
अमेरिका में क्रिसमस और नए साल का समय यात्रा का पीक सीजन होता है। लाखों लोग सड़क और हवाई मार्ग से यात्रा करते हैं। लेकिन इस बार कई प्रवासी परिवार इस खुशी से दूर रह गए हैं।
सर्वेक्षण के एक विशेषज्ञ ने कहा कि टीएसए की नई डेटा साझेदारी से यात्रा से बचने की प्रवृत्ति और बढ़ेगी। कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि नागरिक बने लोग भी घरेलू यात्रा में पासपोर्ट साथ रख रहे हैं।
