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अमेरिका में भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए बढ़ती चुनौतियाँ

अमेरिका में कार्यरत भारतीय पेशेवरों के लिए हालात और भी कठिन होते जा रहे हैं। हाल ही में अमेरिकी दूतावास द्वारा जारी चेतावनी ने चिंता को बढ़ा दिया है, खासकर जब वीज़ा अपॉइंटमेंट में देरी हो रही है। कई भारतीय नागरिकों के इंटरव्यू अचानक रद्द कर दिए गए हैं, जिससे नाराज़गी बढ़ी है। इस मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक बातचीत की संभावना भी जताई जा रही है।
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अमेरिका में भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए बढ़ती चुनौतियाँ

भारतीय प्रोफेशनल्स की बढ़ती चिंताएँ

अमेरिका में कार्यरत हजारों भारतीय पेशेवरों के लिए हालात और भी कठिन होते जा रहे हैं। भारत में अमेरिकी दूतावास द्वारा जारी की गई एक नई चेतावनी ने चिंता को और बढ़ा दिया है, खासकर जब H-1B और H-4 वीज़ा धारक पहले से ही अपॉइंटमेंट में देरी का सामना कर रहे हैं।




कई भारतीय नागरिक अपने वीज़ा नवीनीकरण के लिए भारत लौटे थे, लेकिन अचानक उनके इंटरव्यू अपॉइंटमेंट रद्द कर दिए गए या कई महीनों के लिए टाल दिए गए। कुछ मामलों में, यह देरी छह महीने से अधिक की बताई जा रही है। यह सूचना केवल ईमेल के माध्यम से दी गई, जिससे लोगों में असमंजस और नाराज़गी बढ़ गई है।




इस बीच, अमेरिकी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक कड़ा संदेश जारी किया। इसमें कहा गया कि जो भी अमेरिकी कानून का उल्लंघन करेगा, उसे गंभीर दंड का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही, ट्रंप प्रशासन ने अवैध इमिग्रेशन को समाप्त करने और अमेरिका की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 26 दिसंबर को भी इसी तरह की चेतावनी जारी की गई थी, जिसमें अवैध इमिग्रेशन को बढ़ावा देने वालों को निशाने पर लेने की बात कही गई थी।




इस चेतावनी के बाद सोशल मीडिया पर नाराज़गी का इजहार किया गया है। कई यूज़र्स ने आरोप लगाया कि अमेरिकी प्रशासन जानबूझकर कानूनी तरीकों से आने वालों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। कुछ ने इसे राजनीतिक एजेंडे से जोड़ते हुए कहा कि यह एक विशेष वोट बैंक को खुश करने का प्रयास है।




एक यूजर ने लिखा कि अंतिम समय पर अपॉइंटमेंट रद्द करना और महीनों तक टालना अमानवीय है। वहीं, दूसरे ने सवाल उठाया कि क्या एक राजनयिक मिशन का उद्देश्य डर पैदा करना है या समाधान खोजना।




यह ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका में कार्यरत हजारों भारतीय पेशेवर पहले से ही अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं, और अब इस चेतावनी ने उनकी चिंताओं को और बढ़ा दिया है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक बातचीत की संभावना भी जताई जा रही है।