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अमेरिका में मुद्रास्फीति पर ट्रम्प का दावा: विशेषज्ञों की चिंताएं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में मुद्रास्फीति में गिरावट का दावा किया है, लेकिन नागरिकों और आर्थिक विशेषज्ञों ने इस पर असहमति जताई है। उनका कहना है कि रोजमर्रा की आवश्यकताओं की कीमतें अभी भी ऊंची हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प का यह दावा भ्रामक हो सकता है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और ट्रम्प को किन आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
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अमेरिका में मुद्रास्फीति पर ट्रम्प का दावा: विशेषज्ञों की चिंताएं

अमेरिका में मुद्रास्फीति की स्थिति


अमेरिका में मुद्रास्फीति: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कहा कि उनकी आर्थिक नीतियों के कारण देश ने मुद्रास्फीति पर नियंत्रण पा लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में कमी आई है और अमेरिका अब एक मजबूत आर्थिक दौर में प्रवेश कर रहा है। हालांकि, उनके इस बयान पर नागरिकों और आर्थिक विशेषज्ञों ने असहमति जताई है। लोगों का मानना है कि ग्रोसरी, दवाइयों और आवास की कीमतें अभी भी ऊंची बनी हुई हैं।


अगस्त 2025 में अमेरिका का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 2.9% की वार्षिक वृद्धि दर पर दर्ज किया गया, जो कि फेडरल रिजर्व के 2% के लक्ष्य से अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह इस बात का संकेत है कि महंगाई पूरी तरह से काबू में नहीं आई है। कई नागरिकों ने सोशल मीडिया पर भी लिखा कि ट्रम्प के दावे वास्तविकता से मेल नहीं खाते। रोजमर्रा की आवश्यकताओं की बढ़ती कीमतें अब भी परिवारों के बजट पर प्रभाव डाल रही हैं।


विश्लेषकों की चेतावनी

आर्थिक विश्लेषकों ने दी चेतावनी- मुद्रास्फीति में गिरावट का दावा करना भ्रामक हो सकता है


आर्थिक विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि राष्ट्रपति का मुद्रास्फीति में गिरावट का दावा भ्रामक हो सकता है। उनका कहना है कि भले ही मुद्रास्फीति में थोड़ी कमी आई है, लेकिन इसे जीत के रूप में प्रस्तुत करना जल्दबाजी होगी। कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि प्रशासन ने आंकड़ों को इस तरह से पेश किया है कि उनकी उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा सके, जबकि वास्तविक गिरावट सीमित है।


ट्रम्प की आलोचनाएं

फैसलों और दावों को लेकर अक्सर आलोचनाओं का सामना करते हैं ट्रम्प


यह ध्यान देने योग्य है कि डोनाल्ड ट्रम्प को अपने बयानों और निर्णयों के लिए लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में जब अमेरिकी सरकार ने चीन पर 100 प्रतिशत के टैरिफ का ऐलान किया, तो अमेरिकी बाजार विशेषज्ञों ने इसकी कड़ी आलोचना की। इसी तरह, भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर भी ट्रम्प को अमेरिकियों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।