अमेरिका में सरकारी शटडाउन: ट्रंप का सख्त रुख जारी
अमेरिका में शटडाउन की स्थिति
नई दिल्ली: अमेरिका में सरकारी शटडाउन को अब छह सप्ताह हो चुके हैं, और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने निर्णय पर अडिग हैं। इस शटडाउन के चलते लाखों सरकारी कर्मचारी बिना वेतन के काम करने या छुट्टी पर जाने के लिए मजबूर हैं। वॉशिंगटन में निराशा और असंतोष बढ़ता जा रहा है, जबकि समस्या का कोई स्पष्ट समाधान नहीं दिख रहा है।
सांसदों की कोशिशें
इस सप्ताहांत, सांसदों ने पहली बार बिना छुट्टी काम करना शुरू किया है ताकि राजनीतिक गतिरोध को समाप्त किया जा सके। इस गतिरोध ने न केवल वेतन भुगतान को रोका है, बल्कि सैकड़ों उड़ानों को भी प्रभावित किया है और करोड़ों परिवारों के लिए खाद्य सहायता कार्यक्रम को भी ठप कर दिया है। फिर भी, राष्ट्रपति ट्रंप का रुख कठोर बना हुआ है।
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने क्या कहा?
शनिवार को ट्रंप ने कहा कि वह डेमोक्रेट्स के साथ किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं हैं। डेमोक्रेट्स अफोर्डेबल केयर एक्ट के टैक्स क्रेडिट्स के विस्तार की मांग कर रहे हैं। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह 'दुनिया की सबसे खराब स्वास्थ्य सेवा प्रणाली' है और सुझाव दिया कि कांग्रेस को लोगों को बीमा खरीदने के लिए सीधे पैसे देने चाहिए।
शटडाउन का समाधान
कैसे खत्म होगा शटडाउन?
ट्रंप ने रिपब्लिकन पार्टी से अपील की है कि वे फिलीबस्टर खत्म करें, जिससे वे डेमोक्रेट्स को दरकिनार कर जल्दी से शटडाउन समाप्त कर सकें। उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने भी इस विचार का समर्थन किया है। दूसरी ओर, डेमोक्रेट्स ने सरकार को फिर से चालू करने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें एक वर्ष के लिए अफोर्डेबल केयर एक्ट टैक्स क्रेडिट्स के विस्तार की बात की गई है।
डेमोक्रेटिक नेता की प्रतिक्रिया
डेमोक्रेटिक नेता ने क्या कहा?
डेमोक्रेटिक नेता चक शूमर ने कहा, 'रिपब्लिकन को बस हां कहनी है।' रिपब्लिकन नेताओं ने संकेत दिया है कि वे कुछ मध्यमार्गी डेमोक्रेट्स के प्रस्ताव पर विचार कर सकते हैं, जिसके तहत सरकार को आंशिक रूप से फिर से खोला जा सकता है और बाद में स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी पर मतदान किया जा सकता है। हालांकि, ट्रंप के इस समझौते को मंजूरी देने के कोई संकेत नहीं हैं।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
अर्थव्यवस्था पर क्या पड़ रहा इसका असर?
39 दिनों से चल रहे इस शटडाउन का असर अब अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। कर्मचारियों को वेतन न मिलने से परेशानी हो रही है, हवाई अड्डों पर स्टाफ की कमी के कारण उड़ानों में देरी हो रही है, और खाद्य कार्यक्रम (SNAP) के लाभार्थियों को राशन प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है।
