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अमेरिकी इमिग्रेशन नीति में संभावित बदलाव: ट्रैवल बैन का प्रभाव

अमेरिकी प्रशासन एक नई इमिग्रेशन नीति पर विचार कर रहा है, जो ट्रैवल बैन से प्रभावित देशों के नागरिकों के लिए ग्रीन कार्ड और अन्य लाभों को प्राप्त करना कठिन बना सकती है। इस नीति के तहत, ट्रैवल बैन से जुड़े कारकों को इमिग्रेशन आवेदनों की समीक्षा में महत्वपूर्ण माना जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कानूनी इमिग्रेशन पर एक और हमला है, जिससे इनकार के मामलों में वृद्धि हो सकती है। जानें इस नई नीति के संभावित प्रभाव और ट्रैवल बैन में शामिल देशों के बारे में।
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अमेरिकी इमिग्रेशन नीति में संभावित बदलाव: ट्रैवल बैन का प्रभाव

नई इमिग्रेशन नीति का प्रस्ताव

अमेरिकी सरकार एक नई इमिग्रेशन नीति के विकास पर कार्यरत है। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के आंतरिक दस्तावेजों के अनुसार, यह नीति राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए ट्रैवल बैन से प्रभावित देशों के नागरिकों के लिए ग्रीन कार्ड और अन्य इमिग्रेशन लाभ प्राप्त करना कठिन बना सकती है।


नई पॉलिसी में क्या होगा बदलाव?

नई इमिग्रेशन नीति के ड्राफ्ट के अनुसार, यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) को निर्देश दिया जाएगा कि ट्रैवल बैन से संबंधित 'देश-विशिष्ट कारकों' को इमिग्रेशन आवेदनों की समीक्षा करते समय एक महत्वपूर्ण नकारात्मक पहलू माना जाए। इस बदलाव का ग्रीन कार्ड, शरण (Asylum), पैरोल और अन्य लाभों के आवेदनों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा, लेकिन यह नागरिकता के आवेदनों पर लागू नहीं होगा।


विशेषज्ञों की राय

USCIS के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी डग रैंड ने इस कदम को 'एक महत्वपूर्ण बदलाव' बताते हुए इसे ट्रम्प प्रशासन द्वारा कानूनी इमिग्रेशन पर एक और हमला कहा है।


ट्रैवल बैन में शामिल देश

जून में जारी ट्रैवल बैन सूची में मुख्य रूप से अफ्रीका और मध्य पूर्व के 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध है। इनमें अफगानिस्तान, ईरान, सोमालिया, सूडान, और यमन शामिल हैं। इसके अलावा, अन्य सात देशों जैसे क्यूबा और वेनेजुएला पर भी कुछ पाबंदियां हैं।


आलोचकों की चिंताएं

आलोचकों का मानना है कि यह नई नीति लोगों को उनकी सरकारों की कमियों के लिए अनुचित रूप से दंडित करेगी। पूर्व USCIS विश्लेषक सारा पियर्स ने कहा कि इस नीति के कारण इनकार के मामलों में वृद्धि होगी, और यह उन व्यक्तियों पर भी लागू होगी जो पहले से अमेरिका में हैं, जिससे उनकी कानूनी स्थिति और कमजोर हो जाएगी।