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अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन: स्वदेशी वंदे भारत ट्रेन की नई रफ्तार

भारतीय रेलवे ने अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर स्वदेशी वंदे भारत ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। यह ट्रेन 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी, जो भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता को दर्शाती है। पहले जापानी बुलेट ट्रेन की योजना थी, लेकिन लागत में वृद्धि के कारण अब स्वदेशी विकल्प को प्राथमिकता दी गई है। इस परियोजना से यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी और यह भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
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अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन: स्वदेशी वंदे भारत ट्रेन की नई रफ्तार

अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर

Ahmedabad- Mumbai Bullet Train: भारतीय रेलवे ने अहमदाबाद से मुंबई के बीच हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर स्वदेशी तकनीक से निर्मित वंदे भारत ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। यह भारत की पहली वंदे भारत ट्रेन होगी, जो 250 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेगी। पहले इस मार्ग पर जापानी बुलेट ट्रेन चलाने की योजना थी, लेकिन अब स्वदेशी तकनीक को प्राथमिकता देकर भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम बढ़ा रहा है। यह परियोजना न केवल भारतीय रेलवे की तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करती है, बल्कि देश की महत्वाकांक्षी योजनाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का कार्य भी करती है। सूरत-बलिमोरा खंड पर कार्य अंतिम चरण में है और जल्द ही इस कॉरिडोर पर वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल शुरू होगा. 


250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार

 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार

रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड कॉरिडोर के सूरत-बलिमोरा (50 km) सेक्शन का कार्य अंतिम चरण में है और साल के अंत तक वंदे भारत का ट्रायल रन शुरू कर दिया जाएगा।” इसके बाद 2027 तक आम जनता इस हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेन में सफर कर सकेगी। इस कॉरिडोर पर आठ-आठ कोच की दो वंदे भारत ट्रेनें चलेंगी, जो अधिकतम 280 किमी प्रति घंटे की क्षमता होते हुए भी 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से संचालित होंगी। यह ट्रेनें न केवल तेज होंगी, बल्कि यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित सफर का अनुभव भी प्रदान करेंगी.


जापानी बुलेट ट्रेन से क्यों लिया यू-टर्न?

जापानी बुलेट ट्रेन से क्यों लिया यू-टर्न?

अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड कॉरिडोर परियोजना के प्रारंभिक समझौते में जापान ने बुलेट ट्रेन के प्रत्येक कोच की लागत 16 करोड़ रुपये तय की थी। लेकिन, पिछले साल जापान ने इस कीमत को बढ़ाकर तीन गुना से अधिक कर दिया। रेलवे मंत्रालय के अनुसार, “जापान ने बुलेट ट्रेन के कोच की लागत बढ़ाकर प्रति कोच 50 करोड़ रुपये कर दी। इस प्रकार 16 कोच की एक बुलेट ट्रेन की लागत 800 करोड़ रुपये हो गई।” इस लागत वृद्धि के कारण भारत ने स्वदेशी वंदे भारत ट्रेन को प्राथमिकता दी, जो न केवल फायदेमंद है, बल्कि देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता को भी दर्शाती है.


विश्व में बुलेट ट्रेनों की रफ्तार

विश्व में बुलेट ट्रेनों की रफ्तार

दुनियाभर में हाई-स्पीड ट्रेनों की रफ्तार के मामले में जापान सबसे आगे है, जहां बुलेट ट्रेनें 603 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। इसके बाद चीन का नंबर आता है, जहां ट्रेनें 600 किमी प्रति घंटे की गति से चलती हैं। फ्रांस में अधिकतम रफ्तार 320 किमी प्रति घंटे और दक्षिण कोरिया में 305 किमी प्रति घंटे है। भारत में पहले दावा किया गया था कि अहमदाबाद-मुंबई कॉरिडोर पर 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चलेगी, लेकिन अब वंदे भारत ट्रेन 250 किमी प्रति घंटे की गति से इस कॉरिडोर पर नया कीर्तिमान स्थापित करेगी.


आगे की योजनाएं और उम्मीदें

आगे की योजनाएं और उम्मीदें

अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड कॉरिडोर भारतीय रेलवे के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। इस परियोजना के तहत सूरत-बलिमोरा खंड पर ट्रायल रन जल्द शुरू होने की उम्मीद है। 2027 तक इस कॉरिडोर पर वंदे भारत ट्रेनें आम जनता के लिए उपलब्ध होंगी, जिससे काफी समय की बचत भी होगी। यह योजना न केवल भारत की रेल तकनीक को वैश्विक मंच पर ले जाएगी, बल्कि यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं भी प्रदान करेगी.