अहमदाबाद विमान हादसे में शवों की अदला-बदली का चौंकाने वाला खुलासा

अहमदाबाद विमान दुर्घटना में शवों की पहचान में गड़बड़ी
अहमदाबाद विमान दुर्घटना: हाल ही में अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे से संबंधित एक रिपोर्ट ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे पहले, मृतकों के शव उनके परिवारों तक नहीं पहुँच पाए हैं। इसके अलावा, जो शव भेजे गए हैं, उनमें से 12 शवों की अदला-बदली हो गई है। यह जानकारी लंदन में पीड़ित परिवारों के वकीलों ने दी है। उनका कहना है कि जब इन शवों की जांच की गई, तो यह स्पष्ट हुआ कि ये किसी और के थे। इस मामले पर एयर इंडिया की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
शवों की पहचान में कठिनाई
अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान हादसा इतना गंभीर था कि शवों की पहचान करना भी चुनौतीपूर्ण हो गया। इसके बाद डीएनए परीक्षण के माध्यम से शवों की पहचान की गई और उन्हें पीड़ित परिवारों को सौंप दिया गया। हालाँकि, लंदन में इन शवों की दोबारा जांच की गई, जहाँ कोरोनर ने डीएनए मिलान किया और पाया कि ये शव किसी और के थे। यह स्थिति कई परिवारों के लिए बेहद कठिनाई भरी रही, क्योंकि उन्हें अंतिम संस्कार की तैयारी रद्द करनी पड़ी।
12 शवों की अदला-बदली का मामला
दुर्घटना के पीड़ितों के परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील जेम्स हीली प्रैट ने बताया कि कम से कम 12 ब्रिटिश नागरिकों के शव गलत तरीके से वापस भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं पिछले एक महीने से इन परिवारों के साथ हूँ, जो अपने प्रियजनों के शवों की वापसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कई परिवारों को शव मिले हैं, लेकिन वे उनके प्रियजनों के नहीं हैं। जेम्स ने इसे एक बड़ी लापरवाही बताया और कहा कि इन परिवारों को स्पष्टीकरण मिलना चाहिए।
डीएनए मिलान से हुआ खुलासा
ब्रिटिश परिवारों तक गलत शव पहुँचने का खुलासा तब हुआ जब वेस्ट लंदन की वरिष्ठ कोरोनर डॉ. फियोना विलकॉक्स ने डीएनए मिलान किया। वकील हीली के अनुसार, इस जांच से यह स्पष्ट हुआ कि शव गलत थे। सवाल यह उठता है कि अगर ये शव इन परिवारों के रिश्तेदार नहीं हैं, तो ये अवशेष किसके हैं? क्या यह मामला और भी बड़ा हो सकता है? उन्होंने आशा व्यक्त की कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाएँगे।
एक ताबूत में दो शवों का मामला
एक और गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक ही ताबूत में एक से अधिक शवों के अवशेष रखे गए थे। अंतिम संस्कार से पहले इन शवों को अलग करना पड़ा। जिन शवों की पहचान हो पाई है, उनमें से कई को उनके धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार दफनाया गया है।