आसिम मुनीर की दुविधा: पाकिस्तान में बढ़ते संकट और अमेरिका की मांगें
पाकिस्तान में आसिम मुनीर की दुविधा
पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर इस समय एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं। उनके सामने एक ओर संकट है और दूसरी ओर चुनौतियाँ। मुनीर की स्थिति ऐसी है कि यदि वे कोई निर्णय लेते हैं, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। दूसरी ओर, यदि वे कुछ नहीं करते हैं, तो उनकी स्थिति और भी खराब हो सकती है। यह दोहरी मुसीबत उनके लिए बेहद कठिनाई पैदा कर रही है, खासकर जब पीओके की जनता स्वतंत्रता की मांग कर रही है।
पाकिस्तानी सेना अब एक पेशेवर बल के बजाय किराए के गुंडों की तरह बन गई है, जैसा कि खुद पाकिस्तान के लोग कह रहे हैं। मुनीर, जो पहले ट्रंप के साथ लंच करके अपनी प्रशंसा बटोरने में लगे थे, अब खुद को एक जाल में फंसा हुआ पा रहे हैं।
अमेरिका दौरे की तैयारी
आसिम मुनीर जल्द ही अमेरिका की यात्रा पर जा सकते हैं, जहां वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में गाजा में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय बल में पाकिस्तानी सैनिकों की तैनाती पर चर्चा की जाएगी। ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से यह मुनीर की तीसरी अमेरिका यात्रा होगी।
हालांकि, ट्रंप का कोई भी प्रस्ताव बिना कीमत के नहीं होता। इस बार भी ट्रंप मुनीर से बड़ी मांग करने वाले हैं, क्योंकि अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान गाजा में अपने सैनिक भेजे।
पाकिस्तान में बढ़ता विरोध
मुनीर की स्थिति और भी जटिल हो गई है। यदि वे ट्रंप की मांग मानते हैं, तो पाकिस्तान में भारी विरोध हो सकता है। ट्रंप का यह प्रस्ताव पाकिस्तान की फिलिस्तीन नीति के खिलाफ है, और विशेषज्ञों का मानना है कि इससे देश में बड़ा विरोध उत्पन्न हो सकता है।
इस समय, पीओके में हजारों लोग सड़कों पर हैं, और सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। मुनीर को चेतावनी दी जा रही है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और भी बढ़ सकता है।
