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इजराइल ने सोमालीलैंड को दी मान्यता: क्षेत्रीय राजनीति में नया मोड़

इजराइल ने सोमालीलैंड को औपचारिक रूप से मान्यता देकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मच गई है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस निर्णय की घोषणा की, जिसके बाद सोमालिया और अन्य देशों से तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। जानें इस निर्णय के पीछे की वजहें और इसके संभावित प्रभाव।
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इजराइल ने सोमालीलैंड को दी मान्यता: क्षेत्रीय राजनीति में नया मोड़

इजरायली प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक निर्णय


इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 26 दिसंबर को सोमालीलैंड को औपचारिक मान्यता देने की घोषणा की है, जिससे इजराइल इस क्षेत्र के लिए ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है। इस अवसर पर नेतन्याहू ने सोमालीलैंड के राष्ट्रपति डॉ. अब्दिरहमान मोहम्मद अब्दुल्लाही को बधाई दी। सोमालीलैंड ने पिछले तीन दशकों से स्वतंत्रता का दावा किया है, लेकिन इसे किसी भी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश से मान्यता नहीं मिली थी।


नेतन्याहू का बयान

नेतन्याहू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "मैंने आज सोमालीलैंड गणराज्य को एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता देने की घोषणा की। विदेश मंत्री सा'आर और सोमालीलैंड के राष्ट्रपति के साथ मिलकर, हमने एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए। यह घोषणा राष्ट्रपति ट्रम्प की पहल पर साइन किए गए अब्राहम अकॉर्ड्स की भावना के अनुरूप है।"



उन्होंने आगे कहा कि, "मैंने सोमालीलैंड के राष्ट्रपति को बधाई दी और उनके नेतृत्व की सराहना की। मैंने उन्हें इजराइल की आधिकारिक यात्रा पर आमंत्रित किया। राष्ट्रपति ने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुझे धन्यवाद दिया।"


क्षेत्रीय राजनीति पर प्रभाव

रिपोर्टों के अनुसार, इजराइल का यह निर्णय क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है और सोमालिया की नीति को चुनौती दे सकता है, जो सोमालीलैंड के अलगाव का विरोध करती रही है। सोमालीलैंड ने 1991 से स्वतंत्रता की घोषणा की है, लेकिन इसे अब तक किसी भी देश से मान्यता नहीं मिली थी।


एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मान्यता उस समय दी गई है जब सोमालीलैंड ने गाजा पट्टी से फिलिस्तीनियों के पुनर्वास पर इजराइल के साथ बातचीत की थी। हालांकि, सोमालिया और सोमालीलैंड ने इस तरह के किसी भी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।


कड़ी प्रतिक्रियाएं

इजराइल के इस निर्णय के बाद मिस्र ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मिस्र के विदेश मंत्री ने सोमालिया, तुर्की और जिबूती के विदेश मंत्रियों से बातचीत की। इन नेताओं ने इजराइल के कदम की निंदा की और सोमालिया की एकता का समर्थन किया।


मिस्र के विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी कि अलग हुए क्षेत्रों को मान्यता देना अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।