इजरायल-ईरान संघर्ष: परमाणु ठिकानों पर हमले और जवाबी कार्रवाई की कहानी

इजरायल और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति
इजरायल का परमाणु हमला: इजरायल और ईरान के बीच 12 दिनों तक चले संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल पैदा कर दी है। इजरायल ने अपने सैन्य अभियान 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' के तहत ईरान के 900 से अधिक सैन्य और परमाणु ठिकानों को नष्ट करने का दावा किया है। इस दौरान 11 परमाणु वैज्ञानिकों समेत कई सैन्य कमांडरों की मौत की पुष्टि हुई है। यह जानकारी इजरायली रक्षा बलों (IDF) और विभिन्न मीडिया रिपोर्टों से प्राप्त हुई है.
सटीक हमलों का अभियान
परमाणु ठिकानों पर हमले
इजरायल ने 13 जून 2025 को शुरू किए गए इस अभियान में ईरान के प्रमुख परमाणु केंद्रों नतांज, फोर्डो और इस्फहान को निशाना बनाया। इजरायली वायुसेना के 200 से अधिक फाइटर जेट्स ने तेहरान, शिराज और तबरीज जैसे शहरों में सैन्य और परमाणु सुविधाओं पर बमबारी की। नतांज में यूरेनियम संवर्धन केंद्र को गंभीर नुकसान पहुंचा, जिसे ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम का मुख्य केंद्र माना जाता है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि नतांज की ऊपरी संरचना पूरी तरह से नष्ट हो गई है.
ईरान के कमांडरों और वैज्ञानिकों की हानि
कमांडरों और वैज्ञानिकों का सफाया
इजरायली हमलों में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ हुसैन सलामी और प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों जैसे मोहम्मद मेहदी तेहरांची और फेरेदून अब्बासी की मौत हो गई। वैज्ञानिक सेदिघी सबेर के साथ उनके परिवार के अन्य सदस्य भी मारे गए। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इन हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
ईरान का जवाब और संघर्ष विराम
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने जवाबी कार्रवाई में 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और 100 ड्रोन इजरायल पर दागे, जिससे तेल अवीव में भारी नुकसान हुआ। बीरशेवा के सोरोका अस्पताल और तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज को निशाना बनाया गया। हालांकि, इजरायल के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने अधिकांश मिसाइलों को नष्ट कर दिया। 24 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघर्ष विराम की घोषणा की, लेकिन यह कुछ घंटों में ही टूट गया.