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इजरायल-ईरान संघर्ष में बढ़ी तीव्रता: परमाणु ठिकानों पर हमले और क्लस्टर मिसाइलों का उपयोग

इजरायल और ईरान के बीच चल रहा युद्ध अब और अधिक गंभीर हो गया है। हाल ही में इजरायल ने ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों पर बमबारी की, जिसके जवाब में ईरान ने क्लस्टर मिसाइलों का उपयोग किया। इस संघर्ष में अब तक कई लोग हताहत हो चुके हैं। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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इजरायल-ईरान संघर्ष में बढ़ी तीव्रता: परमाणु ठिकानों पर हमले और क्लस्टर मिसाइलों का उपयोग

संघर्ष की बढ़ती तीव्रता

नई दिल्ली: इजरायल और ईरान के बीच चल रहा युद्ध अब और भी गंभीर होता जा रहा है। इस संघर्ष की शुरुआत आठ दिन पहले हुई थी, और अब दोनों देशों के हमले और भी तीव्र हो गए हैं। गुरुवार की रात, इजरायल ने ईरान के प्रमुख परमाणु स्थलों जैसे अराक, नतांज और खंदाब हेवी-वॉटर रिसर्च साइट पर बमबारी की।


ईरान का जवाबी हमला

इजरायली सेना के अनुसार, ईरान ने एक क्लस्टर मिसाइल दागी, जिसमें छोटे बम शामिल थे, जिनका उद्देश्य नागरिक क्षेत्रों को अधिक नुकसान पहुंचाना था। यह इस युद्ध में क्लस्टर मुनिशन के पहले उपयोग का दावा किया गया है। इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मिसाइल मध्य इजरायल के ऊपर लगभग 7 किलोमीटर की ऊंचाई पर फटी, जिससे इसके भीतर मौजूद लगभग 20 छोटे बम 8 किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गए।


क्लस्टर बमों का विवाद

क्लस्टर बमों का उपयोग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादास्पद माना जाता है, जिससे यह हमला इस संघर्ष को और गंभीर बना देता है। ईरानी समाचार एजेंसी ISNA के अनुसार, जिन स्थानों पर हमले हुए, वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम के मुख्य केंद्र हैं।


हिजबुल्लाह का समर्थन

इस बीच, लेबनान स्थित आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह ने ईरान का खुला समर्थन किया है। संगठन के उप नेता शेख नईम कासिम ने इजरायल और अमेरिका को चेतावनी दी, "ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है और इसका उद्देश्य राष्ट्रीय विकास है।" उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के खिलाफ वैश्विक विरोध उसके परमाणु कार्यक्रम के कारण नहीं, बल्कि उसकी आत्मनिर्भरता और स्वतंत्र नीति के कारण है।


संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पिछले शुक्रवार को इजरायली हमलों के बाद आपात बैठक बुलाई थी। अब ईरान ने रूस, चीन और पाकिस्तान के समर्थन से एक और बैठक की मांग की है। UNSC शुक्रवार को इस मुद्दे पर फिर से चर्चा के लिए इकट्ठा होगा।


संघर्ष में हताहत

वॉशिंगटन स्थित एक ईरानी मानवाधिकार समूह के अनुसार, इस संघर्ष में अब तक ईरान में 639 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 263 आम नागरिक शामिल हैं, जबकि 1,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जवाबी हमलों में ईरान ने इजरायल पर लगभग 400 मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे, जिससे इजरायल में 24 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों घायल हुए। रिपोर्ट के अनुसार, मिसाइलें इजरायल में एक मेडिकल बिल्डिंग और आवासीय इलाकों पर गिरीं, जिससे भारी तबाही हुई।


ईरान की सैन्य स्थिति

ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के कमांडर मोहसिन रजेई ने कहा कि नतांज, इस्फहान, खंदाब और अराक जैसे प्रमुख परमाणु स्थलों से संवेदनशील सामग्री को हमलों से पहले सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। उन्होंने चेतावनी दी, "युद्धविराम का मतलब दुश्मन को ताकत जुटाने का मौका देना है, जो हमें मंजूर नहीं।" रजेई ने यह भी कहा कि ईरान ने अब तक अपनी केवल 30% सैन्य शक्ति का उपयोग किया है और युद्ध को धीरे-धीरे और तेज किया जा रहा है।