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इजरायल-ईरान संघर्ष: होर्मुज जलडमरूमध्य पर बढ़ता तनाव

इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में अमेरिका की भागीदारी के साथ, ईरानी संसद ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया है। यह जलमार्ग विश्व के लिए महत्वपूर्ण है, और इसके बंद होने से वैश्विक तेल आपूर्ति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। ईरानी कमांडर ने चेतावनी दी है कि यदि हमले बढ़ते हैं, तो जलडमरूमध्य को बंद किया जा सकता है। भारत पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि वह इस जलडमरूमध्य से कच्चा तेल आयात करता है।
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इजरायल-ईरान संघर्ष: होर्मुज जलडमरूमध्य पर बढ़ता तनाव

इजरायल और ईरान के बीच युद्ध

इजरायल-ईरान युद्ध: पिछले लगभग 10 दिनों से इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष जारी है। इस बीच, अमेरिका ने भी इजरायल का समर्थन करते हुए ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमले किए हैं। शनिवार की रात को हुए इस हमले के बाद ईरानी संसद ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया है। अब इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई द्वारा लिया जाएगा। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो इसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ेगा।


होर्मुज जलडमरूमध्य की जानकारी

होर्मुज जलडमरूमध्य क्या है?


होर्मुज जलडमरूमध्य ईरान और ओमान के बीच स्थित एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है, जो फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी से जोड़ता है और अरब सागर तक फैला हुआ है। इसकी लंबाई लगभग 161 किलोमीटर है और सबसे संकीर्ण बिंदु पर इसकी चौड़ाई 33 किलोमीटर है। इस जलडमरूमध्य का उपयोग विश्व के सबसे बड़े कच्चे तेल के टैंकरों द्वारा किया जाता है, और यह पश्चिम एशिया के प्रमुख तेल उत्पादकों और उनके ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण है। यदि ईरान इस जलमार्ग को बंद करता है, तो वैश्विक तेल आपूर्ति और कीमतों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर भारत जैसे तेल आयातक देशों पर।


ईरानी कमांडर की चेतावनी

ईरानी कमांडर इस्माइल कोसरी की धमकी


ईरान लंबे समय से होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की चेतावनी दे रहा है। ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को इस संबंध में अंतिम निर्णय लेना चाहिए। ईरानी सांसद और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर इस्माइल कोसरी ने कहा है कि यदि हमले बढ़ते हैं, तो जलडमरूमध्य को बंद करने का कदम उठाया जाएगा।


अंतरराष्ट्रीय प्रभाव

चीन और अन्य देशों पर प्रभाव


एक रिपोर्ट के अनुसार, होर्मुज जलडमरूमध्य का उपयोग सऊदी अरब, इराक, यूएई, कतर, ईरान और कुवैत द्वारा तेल निर्यात के लिए किया जाता है। यह मार्ग पूरी दुनिया में तेल के निर्यात का मुख्य स्रोत है, जिसमें भारत और चीन जैसे देश शामिल हैं। यदि ईरान इस जलडमरूमध्य को बंद करता है, तो एशिया के कई देशों को गंभीर नुकसान हो सकता है।


भारत पर प्रभाव

भारत की स्थिति


भारत इस जलडमरूमध्य से प्रतिदिन लगभग 20 लाख बैरल कच्चा तेल आयात करता है, जो उसके कुल 55 लाख बैरल प्रतिदिन के आयात का एक हिस्सा है। यदि होर्मुज बंद होता है, तो भारत को रूस, अमेरिका और ब्राजील से तेल आयात करने की आवश्यकता होगी, लेकिन इससे लागत में वृद्धि हो सकती है, जो तेल की कीमतों को प्रभावित करेगी।