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इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव: नेतन्याहू की ट्रंप से संभावित चर्चा

इजरायल और ईरान के बीच तनाव एक बार फिर से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान ईरान पर संभावित सैन्य हमलों पर चर्चा कर सकते हैं। इस बैठक में ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के विस्तार और उससे उत्पन्न खतरे पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इजरायल को ईरान की सैन्य क्षमताओं के पुनर्निर्माण की चिंता है, और नेतन्याहू ट्रंप को इस खतरे के बारे में जानकारी देंगे। व्हाइट हाउस ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
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इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता तनाव: नेतन्याहू की ट्रंप से संभावित चर्चा

इजरायल और ईरान के बीच तनाव की नई लहर


नई दिल्ली: इजरायल और ईरान के बीच तनाव एक बार फिर से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान ईरान पर संभावित नए सैन्य हमलों पर चर्चा कर सकते हैं। यह बैठक 29 दिसंबर को होने की संभावना है।


इस दौरान नेतन्याहू ट्रंप को ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के विस्तार और उससे उत्पन्न खतरे के बारे में जानकारी देंगे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इजरायली अधिकारियों को चिंता है कि ईरान अपने बैलिस्टिक मिसाइल उत्पादन को तेजी से बढ़ा रहा है, जो इजरायल के लिए एक गंभीर सुरक्षा खतरा बन सकता है। इसी कारण इजरायल ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पर विचार कर रहा है।


इजरायल की चिंताएं

इजरायल को किस बात की है आशंका?


रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मुद्दे को अमेरिका के समक्ष मजबूती से उठाया जाएगा। यह घटनाक्रम उस समय सामने आया है जब इस वर्ष ईरान और इजरायल के बीच लगभग दो हफ्ते तक संघर्ष हुआ था। उस दौरान इजरायल ने दावा किया था कि उसने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। फिर भी, इजरायली अधिकारियों को आशंका है कि ईरान तेजी से अपनी सैन्य क्षमताओं को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।


रिपोर्ट में अन्य चिंताएं

रिपोर्ट में और क्या आया सामने?


रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इजरायल को इस बात की चिंता है कि ईरान उन परमाणु ठिकानों को फिर से बनाने की कोशिश कर रहा है, जिन्हें जून में अमेरिका ने बमबारी कर नष्ट किया था। हालांकि, इजरायली अधिकारियों के लिए सबसे बड़ी चिंता मिसाइल उत्पादन इकाइयों और एयर डिफेंस सिस्टम की मरम्मत को लेकर है।


नेतन्याहू के तर्क

नेतन्याहू ट्रंप के सामने क्या रख सकते हैं तर्क?


सूत्रों के अनुसार, नेतन्याहू ट्रंप के सामने यह तर्क रख सकते हैं कि ईरान की गतिविधियां न केवल इजरायल के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र और अमेरिकी हितों के लिए भी खतरा हैं। इसके साथ ही, वह अमेरिका को संभावित सैन्य अभियान में भागीदारी या सहायता के विकल्प भी दे सकते हैं।


व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया

व्हाइट हाउस की ओर से क्या आई प्रतिक्रिया?


व्हाइट हाउस की प्रवक्ता अन्ना केली ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और ईरानी सरकार दोनों ने पुष्टि की है कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत ईरान की परमाणु क्षमताएं पूरी तरह से नष्ट कर दी गई थीं।


उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि यदि ईरान परमाणु हथियार बनाने की कोशिश करेगा, तो उस ठिकाने पर हमला कर उसे पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।