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इजरायल ने सोमालीलैंड को दी स्वतंत्रता की मान्यता, क्षेत्रीय राजनीति में हलचल

इजरायल ने सोमालीलैंड को एक स्वतंत्र और संप्रभु देश के रूप में मान्यता देकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। यह कदम उठाने वाला इजरायल पहला देश बना है, जिससे हॉर्न ऑफ अफ्रीका में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस निर्णय को अब्राहम समझौते की भावना के तहत बताया है। सोमालीलैंड के राष्ट्रपति के साथ सहयोग के क्षेत्रों में कृषि, स्वास्थ्य, तकनीक और अर्थव्यवस्था शामिल हैं। हालांकि, इस कदम का सोमालिया ने विरोध किया है, जिससे क्षेत्रीय संतुलन प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।
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इजरायल ने सोमालीलैंड को दी स्वतंत्रता की मान्यता, क्षेत्रीय राजनीति में हलचल

इजरायल की नई पहल


नई दिल्ली: इजरायल ने सोमालीलैंड को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता देकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। यह कदम उठाने वाला इजरायल पहला देश बन गया है, जिससे हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्षेत्र में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं।


नेतन्याहू का बयान

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह मान्यता अब्राहम समझौते की भावना के अनुरूप दी गई है। उन्होंने बताया कि यह निर्णय अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर लिया गया है। अब्राहम समझौता 2020 में हुआ था, जिसके तहत इजरायल ने यूएई और बहरीन के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित किए थे।



सोशल मीडिया पर नेतन्याहू का संदेश

नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि सोमालीलैंड के राष्ट्रपति डॉ. अब्दिरहमान मोहम्मद अब्दुल्लाही के साथ एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति की नेतृत्व क्षमता की सराहना की और शांति तथा स्थिरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। नेतन्याहू ने सोमालीलैंड के राष्ट्रपति को इजरायल की आधिकारिक यात्रा के लिए भी आमंत्रित किया है।


सहयोग के क्षेत्र

इजरायली प्रधानमंत्री ने बताया कि दोनों देशों के बीच कृषि, स्वास्थ्य, तकनीक और अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की योजना है। यह निर्णय सोमालीलैंड के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता माना जा रहा है, क्योंकि यह 1991 से खुद को स्वतंत्र मानता है और वहां शांति तथा स्थिरता बनी हुई है। हालांकि, अब तक किसी भी देश ने इसे औपचारिक मान्यता नहीं दी थी।


क्षेत्रीय संतुलन पर प्रभाव

इजरायल के इस कदम से क्षेत्रीय संतुलन प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है। सोमालिया ने इस निर्णय का विरोध किया है और इसे अपनी क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ बताया है। इजरायल की घोषणा के बाद, मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलात्ती ने सोमालिया, तुर्की और जिबूती के विदेश मंत्रियों से बातचीत की। इन देशों ने हॉर्न ऑफ अफ्रीका में स्थिति को खतरनाक बताया है।


मिस्र के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इन देशों ने सोमालिया की एकता और संप्रभुता का समर्थन दोहराया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देना अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। इस निर्णय से भविष्य में अफ्रीका और पश्चिम एशिया की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं।