इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में बढ़ती क्रूरता: एक दर्दनाक घटना
नई दिल्ली में बढ़ती हिंसा की कहानी
नई दिल्ली: इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष ने नफरत की एक नई पराकाष्ठा को छू लिया है, जहां दोनों पक्षों ने क्रूरता की सीमाएं पार कर दी हैं। हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है, जिसमें एक फिलिस्तीनी व्यक्ति सड़क किनारे शांति से नमाज अदा कर रहा था, तभी एक इजरायली रिजर्व सैनिक ने उसे अपनी गाड़ी से कुचल दिया।
वीडियो के बाद की कार्रवाई
यह घटना वेस्ट बैंक में हुई, जिसने स्थिति की गंभीरता को एक बार फिर उजागर किया है। वीडियो में एक व्यक्ति, जिसके कंधे पर राइफल लटकी हुई है, स्पष्ट रूप से फिलिस्तीनी व्यक्ति को अपनी गाड़ी से टक्कर मारते हुए दिखाई दे रहा है। टक्कर लगने के बाद नमाज पढ़ रहा व्यक्ति गिर जाता है, और सैनिक उसे वहां से जाने के लिए चिल्लाता है।
इजरायली सेना ने पुष्टि की है कि आरोपी रिजर्व सैनिक था और इसे उनके अधिकारों का गंभीर उल्लंघन माना गया है। इसके परिणामस्वरूप उसकी सैन्य सेवा समाप्त कर दी गई और उसका हथियार भी जब्त कर लिया गया।
घायल व्यक्ति का अस्पताल में इलाज
हमले के बाद घायल फिलिस्तीनी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि उसे गंभीर चोटें नहीं आई हैं और वह अब घर पर है। पीड़ित के पिता, मजदी अबू मोखो ने कहा कि उनके बेटे के पैरों में दर्द है और उन्होंने आरोप लगाया कि हमलावर ने उस पर ब्लैक पेपर का स्प्रे भी किया था, हालांकि यह वीडियो में स्पष्ट नहीं है।
स्थानीय लोगों की शिकायतें
पीड़ित के पिता ने बताया कि आरोपी व्यक्ति इलाके का जाना-पहचाना निवासी है। उनके अनुसार, वह गांव के पास चौकी बनाकर अन्य लोगों के साथ आता है, पशुओं को चराता है, रास्ते रोकता है और स्थानीय निवासियों को परेशान करता है।
गिरफ्तारी और नजरबंदी की जानकारी
इजरायली मीडिया के अनुसार, आरोपी को उसी रात गिरफ्तार कर लिया गया था। अदालत के आदेश पर उसे पांच दिनों के लिए घर में नजरबंद रखा गया है। इसके अलावा, यह भी बताया गया कि उसने गांव के अंदर गोलीबारी की थी, जिसे इजरायली सुरक्षा बलों ने गंभीर अपराध माना है।
वेस्ट बैंक में बढ़ती हिंसा की स्थिति
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों के खिलाफ हिंसा के मामले काफी बढ़ गए हैं। अब तक सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं। पिछले दो वर्षों में बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें अधिकतर सुरक्षा अभियानों के दौरान और कुछ बसने वालों की हिंसा में मारे गए।
