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इजरायल-हमास समझौता: ट्रंप की शांति योजना से गाजा में उम्मीद की किरण

काहिरा में इजरायल और हमास के प्रतिनिधियों ने ट्रंप की 20 सूत्री शांति योजना पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य गाजा में जारी संघर्ष को समाप्त करना और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को शुरू करना है। समझौते के तहत हमास 48 बंदियों को रिहा करेगा, जबकि इजरायल लगभग 2000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने का वादा कर रहा है। हालांकि, कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अभी भी मतभेद बने हुए हैं। गाजा के लोग इस समझौते से खुश हैं, लेकिन वे सतर्क भी हैं। जानिए इस समझौते के प्रमुख बिंदु और गाजा की स्थिति के बारे में।
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इजरायल-हमास समझौता: ट्रंप की शांति योजना से गाजा में उम्मीद की किरण

इजरायल और हमास के बीच ऐतिहासिक समझौता


अंतरराष्ट्रीय समाचार: काहिरा में बुधवार को इजरायल और हमास के प्रतिनिधियों ने ट्रंप की 20 सूत्री शांति योजना के पहले चरण पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का वैश्विक स्तर पर स्वागत किया गया है। इसका उद्देश्य पिछले दो वर्षों से चल रहे संघर्ष को समाप्त करना और गाजा के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को शुरू करना है। दोनों पक्षों ने वादा किया है कि वे शर्तों को तुरंत लागू करना शुरू करेंगे। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि विश्वास तभी बनेगा जब ये बातें वास्तविकता में बदलेंगी।


समझौते की प्रमुख शर्तें

पहले चरण में, हमास 48 बंदियों को रिहा करेगा, जिनमें से 20 जीवित बताए गए हैं। इसके बदले, इजरायल लगभग 2000 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने का वादा कर रहा है। इसके साथ ही, इजरायली सैनिकों को गाजा शहर से सहमत रेखा तक वापस बुलाने की आवश्यकता होगी। इस कदम का उद्देश्य राहत सामग्री की आपूर्ति को सुनिश्चित करना और प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों की वापसी को आसान बनाना है। हालांकि, सैनिकों की वापसी की पूरी जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।


बंदियों की रिहाई की संभावित तारीख

ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को बताया कि बंदियों की रिहाई 13 अक्टूबर से शुरू हो सकती है, जिसमें मृतकों के शव भी शामिल होंगे। हमास के सूत्रों के अनुसार, समझौते को इजरायल सरकार की मंजूरी मिलने के 72 घंटे बाद सभी कैदियों को रिहा किया जाएगा। इजरायली अधिकारियों का कहना है कि यह प्रक्रिया शनिवार से भी शुरू हो सकती है। परिवार इस समय उम्मीद और चिंता के बीच हैं।


अभी भी हैं मतभेद

हालांकि समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, लेकिन कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति नहीं बनी है। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल की वापसी का समय, गाजा के पुनर्निर्माण की योजना और हमास का भविष्य जैसे मामलों पर विवाद अभी भी जारी है। इजरायल का कहना है कि युद्ध तभी समाप्त होगा जब हमास हथियार डाल देगा, जबकि हमास का मानना है कि बंदियों की अदला-बदली के बाद युद्ध समाप्त होना चाहिए।


गाजा में खुशी और सतर्कता

गाजा के लोग समझौते से खुश हैं, लेकिन वे सतर्क भी हैं। खान यूनिस और अन्य क्षेत्रों में लोग सड़कों पर जश्न मनाते हुए दिखाई दिए। हालांकि, कई लोगों को डर है कि यह समझौता भी पहले की तरह टूट सकता है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा की 90 प्रतिशत इमारतें नष्ट हो चुकी हैं। अस्पताल, स्कूल और मोहल्ले खंडहर बन गए हैं। गाजा को फिर से बसाने में 15 साल और 50 अरब डॉलर की आवश्यकता हो सकती है।


इजरायली कैबिनेट की मंजूरी का महत्व

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वह इस समझौते को अपने मंत्रिमंडल में पेश करेंगे। मंजूरी मिलने के बाद सैनिक पीछे हटेंगे और 72 घंटे के भीतर हमास बंदियों की रिहाई शुरू होगी। हालांकि, इजरायल के कट्टरपंथी मंत्री इसका विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि हमास को समाप्त करना ही असली समाधान है। कैबिनेट की मंजूरी ही आगे की दिशा तय करेगी। गाजा की स्थिति बेहद गंभीर है।


संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि गाजा को फिर से रहने योग्य बनाने में 15 साल लगेंगे। हजारों बच्चे अनाथ हो गए हैं और लाखों लोग बेघर हैं। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय सहायता के बिना हालात में सुधार करना मुश्किल है। ट्रंप की योजना ने युद्ध को रोकने का एक अवसर प्रदान किया है, लेकिन असली चुनौती गाजा को फिर से खड़ा करने की है।