इज़रायल का लेबनान पर हमला: क्या शांति की कोशिशों को खतरा है?

गाज़ा में शांति की कोशिशें और नया संकट
खुफिया जानकारी पर आधारित कार्रवाई
रिपोर्टों के अनुसार, इज़रायली रक्षा बलों (आईडीएफ) को खुफिया सूचना मिली थी कि हिज़्बुल्लाह वहां हथियारों का भंडार जमा कर रहा है। इसी जानकारी के आधार पर, सैनिकों ने उस इमारत पर कार्रवाई की, तलाशी ली और वहां मौजूद हथियारों को जब्त किया। सेना का कहना है कि यह कदम सुरक्षा कारणों से आवश्यक था.
युद्धविराम का उल्लंघन
आईडीएफ ने इस हमले को सही ठहराते हुए लेबनान पर युद्धविराम समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इज़रायली सेना का कहना है कि 27 सितंबर 2024 को हुए युद्धविराम समझौते के बावजूद, हिज़्बुल्लाह इस क्षेत्र में लगातार हथियारों का भंडार इकट्ठा कर रहा था। यह कदम समझौते की शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन है.
फरवरी से बढ़ता तनाव
यह ध्यान देने योग्य है कि 18 फरवरी को युद्धविराम की समय सीमा समाप्त होने के बाद से लेबनान और इज़रायल के बीच तनाव बना हुआ है। दोनों देशों की सीमाओं पर समय-समय पर गोलीबारी और हमले की घटनाएं होती रही हैं। इससे पहले, इज़रायली सेना ने दक्षिणी लेबनान के टायर जिले में हवाई हमला किया था.
हिज़्बुल्लाह का एक प्रमुख नेता मारा गया
मंगलवार को हुए हमले में हिज़्बुल्लाह का वरिष्ठ नेता महमूद अली इस्सा मारा गया। रिपोर्टों के अनुसार, इस्सा स्थानीय निवासियों की सहायता से हिज़्बुल्लाह के वित्तीय और सैन्य ढांचे का प्रबंधन करता था। उसकी मौत को संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
शांति प्रयासों पर संकट
गाज़ा में जहां हालात धीरे-धीरे सामान्य होते दिख रहे थे, वहीं लेबनान पर इज़रायल की कार्रवाई ने एक नया संकट उत्पन्न कर दिया है। क्षेत्रीय विश्लेषकों का मानना है कि यदि ऐसी घटनाएं बढ़ती रहीं, तो पश्चिम एशिया में स्थायी शांति स्थापित करना और भी कठिन हो जाएगा.