इटली में फिलिस्तीन समर्थन के लिए चंदा जुटाने पर गिरफ्तारी, वैश्विक बहस छिड़ी
इटली में गिरफ्तारी और विवाद
इटली से आई एक महत्वपूर्ण खबर ने यूरोप की राजनीति और मध्य पूर्व के संघर्ष पर नई बहस को जन्म दिया है। प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के नेतृत्व में, इटली की सुरक्षा एजेंसियों ने सात व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि वे फिलिस्तीन के समर्थन में धन जुटा रहे थे। यह सवाल उठता है कि क्या यह केवल हमास को वित्तीय सहायता देने का मामला है या यह गाजा में चल रहे संघर्ष के खिलाफ एक वैश्विक आवाज का हिस्सा है। इटली की पुलिस का कहना है कि ये लोग मानवीय सहायता के नाम पर धन इकट्ठा कर रहे थे, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा हमास से जुड़े संगठनों तक पहुंचा। दूसरी ओर, इन संगठनों का दावा है कि वे फिलिस्तीनी नागरिकों की सहायता कर रहे हैं, जो वर्षों से युद्ध और नाकेबंदी का सामना कर रहे हैं।
फिलिस्तीन के लिए सहायता का मुद्दा
जांच में शामिल तीन संगठनों ने खुद को राहत और मानवाधिकार से जुड़े संगठन बताया है। उनका कहना है कि गाजा में अस्पताल, अनाथ बच्चे और विस्थापित परिवार अंतरराष्ट्रीय सहायता से वंचित हैं, इसलिए फिलिस्तीन की मदद करना उनका नैतिक कर्तव्य है। समर्थकों का तर्क है कि पश्चिमी देशों में यूक्रेन या अन्य युद्ध क्षेत्रों के लिए धन जुटाना स्वीकार्य है, तो फिर फिलिस्तीन के लिए सहायता को अपराध क्यों माना जा रहा है? पुलिस के अनुसार, लगभग 70 लाख यूरो इकट्ठा किए गए हैं, जिनमें से 71% राशि उन संस्थाओं को गई है, जिनका संबंध हमास से बताया गया है।
पुलिस की कार्रवाई और संपत्ति जब्ती
अभियोजकों ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्तियों ने पिछले दो वर्षों में मानवीय उद्देश्यों के लिए जुटाए गए लगभग 70 लाख यूरो (82 लाख डॉलर) हमास से जुड़े संगठनों को हस्तांतरित किए। पुलिस ने 80 लाख यूरो से अधिक की संपत्ति जब्त की है। अधिकारियों ने एक फिलिस्तीनी समर्थक चैरिटी के कार्यालयों और संदिग्धों के घरों से 10 लाख यूरो नकद बरामद किए हैं, साथ ही हमास का समर्थन करने वाली सामग्री भी मिली है, जो गाजा युद्ध में इज़राइल का प्रतिकूल है।
इजरायली खुफिया का सहयोग
इजरायली रक्षा मंत्रालय ने रविवार को कहा कि इजरायली खुफिया और आतंकवाद-विरोधी एजेंसियों ने इटली के कानून प्रवर्तन अधिकारियों को जानकारी और सबूत प्रदान कर सहयोग किया। रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ ने कहा कि इज़राइल हर आतंकवादी और उनके समर्थकों का पीछा करेगा, चाहे वे विदेश में ही क्यों न हों। मेलोनी की दक्षिणपंथी सरकार यूरोप में इज़राइल की सबसे मजबूत सहयोगियों में से एक है। हमास के साथ युद्ध में इज़राइल को दिए गए समर्थन ने इटली में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों को जन्म दिया है। मिलान में फिलिस्तीन समर्थक इटालियन कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियों का विरोध करते हुए मार्च निकाला और इसे दमन और अपराधीकरण का अभियान बताया।
