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इथियोपिया के हैली गुब्बी ज्वालामुखी का विस्फोट: भारत में उड़ानों पर प्रभाव

इथियोपिया के हैली गुब्बी ज्वालामुखी ने 12,000 साल बाद विस्फोट किया, जिससे राख के गुबार कई देशों में फैल गए। भारत में उड़ानों पर इसका प्रभाव पड़ा है, और DGCA ने एयरलाइंस को सुरक्षा निर्देश जारी किए हैं। एयर इंडिया सहित कई एयरलाइंस ने उड़ानें रद्द की हैं। जानें इस घटना के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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इथियोपिया के हैली गुब्बी ज्वालामुखी का विस्फोट: भारत में उड़ानों पर प्रभाव

ज्वालामुखी विस्फोट का प्रभाव

इथियोपिया के हैली गुब्बी ज्वालामुखी ने लगभग 12,000 वर्षों के बाद रविवार को अचानक विस्फोट किया, जिससे विशाल राख के बादल कई देशों में फैल गए। इस घटना का सीधा असर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ा, जिसमें भारत भी शामिल है। राख के गुबार 14 किलोमीटर की ऊंचाई तक उठे और हवा के साथ दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की दिशा में फैलते हुए सोमवार को भारत पहुंचे। इस खतरे को देखते हुए DGCA ने एयरलाइंस को विस्तृत सुरक्षा निर्देश जारी किए हैं.


जेट इंजन के लिए खतरा

जेट इंजन का शत्रु

ज्वालामुखीय राख विमान के इंजन के लिए एक गंभीर खतरा मानी जाती है। राख में मौजूद सिलिका 1,000 डिग्री सेल्सियस पर पिघलकर कांच जैसी परत बना देती है, जबकि इंजन की गर्मी 1,500 डिग्री से अधिक होती है। यह परत टर्बाइन ब्लेड को ढककर उनके संचालन में बाधा डाल सकती है, जिससे इंजन बंद हो सकता है। यदि सभी इंजन फेल हो जाएं, तो विमान ग्लाइडर बन जाता है और पायलट को ठंडी हवा में नीचे उतरकर इंजन को पुनः चालू करने की कोशिश करनी पड़ती है.


पिछले उदाहरण

पहले भी बन चुकी है विमानों का काल

विमानन क्षेत्र में ज्वालामुखीय राख का खतरा नया नहीं है। 1982 में ब्रिटिश एयरवेज की बोइंग 747 ने इंडोनेशिया के माउंट गालुंगगुंग की राख में प्रवेश किया, जिसके कारण उसके चारों इंजन बंद हो गए। पायलटों ने विमान को ग्लाइड कर निकालकर इंजन चालू किए और सुरक्षित लैंडिंग कराई। 1989 में अलास्का के माउंट रेडाउट की राख ने KLM की नई बोइंग 747 के चारों इंजन फेल कर दिए, जिसके बाद सभी इंजन बदलने पड़े और विमान को करोड़ों डॉलर का नुकसान हुआ.


DGCA के निर्देश

DGCA ने जारी किए आदेश

हैली गुब्बी के विस्फोट के बाद DGCA ने भारतीय एयरलाइंस को राख-प्रभावित क्षेत्रों और ऊंचाइयों से दूर रहने का आदेश दिया। इसके साथ ही उड़ान मार्ग, ईंधन योजना और निगरानी के निर्देश भी दिए गए। एयरलाइंस को इंजन प्रदर्शन, केबिन में धुआं या गंध, मौसम और सैटेलाइट डेटा पर लगातार नजर रखने को कहा गया। DGCA ने चेतावनी दी कि यदि किसी हवाईअड्डे पर ज्वालामुखीय राख जमा होती है, तो रनवे और टैक्सीवे की तत्काल जांच और आवश्यक सफाई के बाद ही ऑपरेशन शुरू हों.


एयर इंडिया की उड़ानें रद्द

एयर इंडिया ने कीं 11 उड़ानें रद्द

इस ज्वालामुखीय राख का भारत में प्रभाव सीमित रहा है, लेकिन एयरलाइंस एहतियात बरत रही हैं। एयर इंडिया ने सोमवार और मंगलवार को 11 उड़ानें रद्द कीं, क्योंकि उसके कुछ विमानों को राख-प्रभावित क्षेत्रों के पास से उड़ना पड़ा था। इंडिगो और अकासा एयर की कुछ उड़ानें भी रद्द या विलंबित हुईं। एयरलाइंस ने यात्रियों के लिए सहायता, होटल व्यवस्था और वैकल्पिक यात्रा उपलब्ध कराने की जानकारी दी। सभी ऑपरेटर स्थिति पर करीबी निगरानी रख रहे हैं और DGCA के दिशानिर्देशों के अनुसार कदम उठा रहे हैं.