इथियोपिया में 12,000 साल बाद हुआ भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट
भयानक विस्फोट का विवरण
न्यूज मीडिया: इथियोपिया में एक भयंकर ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है, जो लगभग 12,000 वर्षों के बाद हुआ है। यह घटना डनाकिल डिप्रेशन में स्थित एर्ता अले ज्वालामुखी में दर्ज की गई। विस्फोट के परिणामस्वरूप राख का गुबार 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया, जिसे मौसम उपग्रहों ने भी रिकॉर्ड किया है। इस राख का फैलाव इतना व्यापक था कि यह तेज हवा के कारण 4300 किलोमीटर दूर दिल्ली तक पहुंच गया।
ज्वालामुखी से निकली राख भारत के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में ऊपरी वायुमंडल में देखी गई। दिल्ली एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने बताया कि राख के कण उड़ानों के लिए खतरनाक हो सकते हैं, क्योंकि ये इंजन में खराबी पैदा कर सकते हैं। इस कारण एयर इंडिया को अपनी 11 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि कुछ अन्य उड़ानों को वैकल्पिक मार्गों पर भेजा गया।
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि फिलहाल राख का घनत्व भारत की जमीन तक नहीं पहुंचा है, लेकिन इसकी ऊपरी परतें अगले 24-48 घंटों तक बनी रह सकती हैं। हवा के रुख में बदलाव से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्का प्रभाव देखा जा सकता है। एर्ता अले को अफ्रीका के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक माना जाता है, लेकिन इतना बड़ा विस्फोट आखिरी बार 10-12 हजार साल पहले हुआ था।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह घटना दुर्लभ और चौंकाने वाली है। उनका मानना है कि यह विस्फोट पृथ्वी की भूगर्भीय गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत हो सकता है। इथियोपिया सरकार ने ज्वालामुखी के 60 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है। हालांकि, अभी तक किसी जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन राख और धुएं का बादल अभी भी क्षेत्र के ऊपर मंडरा रहा है।
