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इमरान खान का कानूनी संकट: जेल में सजा और राजनीतिक भविष्य पर सवाल

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इस समय गंभीर कानूनी संकट का सामना कर रहे हैं। उन्हें हाल ही में तोशाखाना-2 मामले में 17 साल की सजा सुनाई गई है, जिससे उनकी कुल सजा 62 साल तक पहुंच गई है। इस स्थिति ने न केवल उनकी रिहाई की उम्मीदों को धूमिल किया है, बल्कि उनकी पार्टी PTI के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जानें इस संकट के पीछे की कहानी और पाकिस्तान की राजनीति में इसके प्रभाव के बारे में।
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इमरान खान का कानूनी संकट: जेल में सजा और राजनीतिक भविष्य पर सवाल

पाकिस्तान की राजनीति में इमरान खान का संकट


नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इस समय एक गंभीर कानूनी संकट का सामना कर रहे हैं। एक समय देश को विश्व कप जिताने वाले कप्तान, अब वह जेल में हैं।


अलग-अलग अदालतों से मिल रही सजाओं ने उनकी स्थिति को और भी कठिन बना दिया है। हालिया फैसले ने न केवल उनकी रिहाई की उम्मीदों को धूमिल किया है, बल्कि पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।


तोशाखाना-2 मामले में सजा

शनिवार को एक अदालत ने इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना-2 भ्रष्टाचार मामले में 17-17 साल की सजा सुनाई। यह मामला 2021 में सऊदी सरकार से प्राप्त उपहारों में कथित गड़बड़ी से संबंधित है। अदालत ने इसे गंभीर आर्थिक अपराध मानते हुए सख्त निर्णय लिया। इस सजा के साथ, इमरान खान की कुल सजा 62 साल तक पहुंच गई है, जो किसी भी पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के लिए सबसे अधिक है।


कानूनी मामलों की संख्या

इमरान खान पर वर्तमान में कुल 189 मुकदमे चल रहे हैं। पहले ही तोशाखाना-1 मामले में उन्हें 10 साल की सजा मिल चुकी है। इसके अलावा, अल-कादिर ट्रस्ट मामले में 14 साल की सजा और बुशरा बीबी से शादी से जुड़े इद्दत मामले में 7 साल की सजा भी सुनाई गई थी। अब तोशाखाना-2 मामले ने उनकी कानूनी परेशानियों को और बढ़ा दिया है।


जेल से रिहाई की संभावना

73 वर्षीय इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में हैं। लगातार आ रहे अदालती फैसलों के कारण उनकी रिहाई की संभावना लगभग समाप्त होती दिख रही है। इसके अलावा, 9 मई 2023 की हिंसा से जुड़े मामलों में भी उन पर कार्रवाई की संभावना बनी हुई है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि नए मामलों में उन्हें दोषी ठहराया गया, तो उनकी सजा और बढ़ सकती है।


राजनीतिक यात्रा और सत्ता से बेदखली

इमरान खान ने 1992 में पाकिस्तान को पहला क्रिकेट विश्व कप जिताया और इसके बाद राजनीति में कदम रखा। उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की स्थापना की और 2018 में सत्ता में आए। हालांकि, अप्रैल 2022 में संसद में बहुमत न साबित कर पाने के कारण उनकी सरकार गिर गई, जिसके बाद उनके खिलाफ मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी।


PTI और समर्थकों की स्थिति

इमरान खान की गिरफ्तारी और सजाओं का प्रभाव उनकी पार्टी PTI पर भी स्पष्ट है। पार्टी के कई नेता या तो जेल में हैं या राजनीतिक दबाव का सामना कर रहे हैं। इमरान खान और PTI इन मामलों को राजनीतिक प्रतिशोध मानते हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति में पार्टी का भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है। समर्थक न्याय की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तान की राजनीति एक नए मोड़ पर खड़ी है।