इमरान खान को 17 साल की सजा, पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन की तैयारी
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री पर सजा का फैसला
नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में 17 साल की सजा सुनाई गई है। इस फैसले के बाद उन्होंने देशभर में विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया है। इमरान खान का कहना है कि उनके खिलाफ दिए गए निर्णय में उनकी बात को नहीं सुना गया।
इमरान खान का जनता के लिए संदेश
अपने वकील के माध्यम से, इमरान खान ने जनता को यह संदेश दिया कि हर नागरिक को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला बिना पर्याप्त सबूत और कानूनी प्रक्रिया का पालन किए जल्दबाजी में लिया गया है।
फैसले पर परिवार और पार्टी की प्रतिक्रिया
इमरान खान के परिवार और पार्टी के नेताओं ने इस फैसले पर गहरा रोष व्यक्त किया है। उनकी बहन अलीमा खान ने इसे पहले से तय स्क्रिप्ट के अनुसार लिया गया फैसला बताया और कहा कि इसके पीछे के लोग समझदार नहीं हैं। वहीं, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता उमर अयूब ने इसे 'कंगारू कोर्ट' का फैसला करार दिया और कहा कि पाकिस्तान में अब कानून का शासन समाप्त हो गया है।
आंदोलन की तैयारी का संदेश
जेल में रहने के कारण इमरान खान खुद सोशल मीडिया का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। उनके वकील ने बताया कि उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री को सड़क पर आंदोलन की तैयारी करने का संदेश भेजा है। कानूनी मुद्दों पर इमरान खान ने कहा कि उनकी कानूनी टीम की बात को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। उनका कहना है कि न्याय के बिना कोई भी देश आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो सकता, इसलिए कानूनी समुदाय को आगे आना चाहिए।
न्याय की लड़ाई जारी रखने का संकल्प
PTI ने इस सजा को 'असंवैधानिक, अवैध और राजनीतिक प्रतिशोध का सबसे खराब रूप' बताया है। पार्टी का मानना है कि यह फैसला केवल इमरान खान की जेल अवधि बढ़ाने और सत्ताधारी गुट को राहत देने के लिए किया गया है। PTI नेताओं ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में विरोध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। असद कैसर ने इस आंदोलन को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक बताया। इमरान खान की पार्टी का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, उनका संघर्ष जारी रहेगा.
