इस्लामाबाद में आत्मघाती हमले से दहशत, शहबाज़ शरीफ़ ने भारत पर लगाया आरोप
इस्लामाबाद में धमाका
मंगलवार की सुबह इस्लामाबाद एक भयंकर धमाके से गूंज उठा। जिला अदालत के बाहर हुए आत्मघाती हमले ने राजधानी में आतंक का माहौल पैदा कर दिया। इसी दिन पाकिस्तान के वाना क्षेत्र में एक कैडेट कॉलेज पर भी हमला हुआ। इन घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'भारत प्रायोजित आतंकवादी नेटवर्क' पाकिस्तान में हिंसा फैला रहा है। हालांकि, तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए शरीफ़ के दावों को चुनौती दी है।
शहबाज़ शरीफ़ का भारत पर आरोप
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा, "ये हमले भारत द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा हैं, जिनका उद्देश्य पाकिस्तान को अस्थिर करना है।" उन्होंने यह भी कहा कि इन हमलों को अफगान सीमा से भारत के समर्थन में काम कर रहे आतंकवादी समूहों ने अंजाम दिया। शरीफ़ ने आरोप लगाया कि "भारत पाकिस्तान की स्थिरता को नुकसान पहुंचाने के लिए अपने प्रॉक्सी नेटवर्क का उपयोग कर रहा है।"
इस्लामाबाद में आत्मघाती धमाका
धमाका इस्लामाबाद की जिला अदालत के परिसर के बाहर हुआ, जहां एक आत्मघाती हमलावर ने पुलिस वाहन के पास खुद को उड़ा लिया। इस विस्फोट में 12 लोगों की जान चली गई और 27 अन्य घायल हुए। धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास की इमारतों के शीशे टूट गए और कई गाड़ियां जल गईं। यह घटना राजधानी में कई वर्षों में हुई सबसे बड़ी आतंकी वारदात मानी जा रही है।
TTP ने ली जिम्मेदारी
कुछ ही घंटों बाद, पाकिस्तानी तालिबान (TTP) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। संगठन ने अपने बयान में कहा कि "पाकिस्तान की गैर-इस्लामी अदालतों और अधिकारियों" को निशाना बनाया गया। TTP ने चेतावनी दी कि ऐसे हमले तब तक जारी रहेंगे जब तक देश में पूरी तरह इस्लामी कानून लागू नहीं किया जाता। यह बयान शरीफ़ सरकार के आरोपों के विपरीत था।
सरकार ने बढ़ाई सुरक्षा, जांच जारी
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नक़वी ने पुष्टि की कि विस्फोट पुलिस वाहन के पास हुआ था और जांच एजेंसियां सभी पहलुओं से जांच कर रही हैं। इस्लामाबाद और अन्य प्रमुख शहरों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। सुरक्षा बलों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है, और सरकार ने हमले के पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।
निष्कर्ष: पाकिस्तान की राजनीति में नया विवाद
इस्लामाबाद में हुए धमाके ने न केवल देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि भारत-पाक रिश्तों में एक बार फिर तनाव बढ़ा दिया है। अब पूरा पाकिस्तान इस बात पर विभाजित है कि यह हमला विदेशी साजिश का परिणाम था या आंतरिक कमजोरी का नतीजा।
