ईरान-इजरायल संघर्ष: अली शामखानी की मौत से बढ़ा तनाव

ईरान की प्रतिक्रिया
इजरायल द्वारा ईरान के न्यूक्लियर स्थलों पर हमले के बाद से ईरान लगातार प्रतिशोध की तैयारी कर रहा है। हाल ही में, ईरान को एक और बड़ा झटका लगा है, जब मेजर जनरल हुसैन सलामी की मौत के बाद अयातुल्ला अली खामेनेई के एक और करीबी सहयोगी अली शामखानी की भी मौत हो गई। यह घटना इजरायल के हमलों के परिणामस्वरूप हुई है, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। सरकारी मीडिया के अनुसार, शामखानी की मौत इजरायल के हमले में लगी गंभीर चोट के कारण हुई।
अस्पताल में इलाज के दौरान मौत
सूत्रों के अनुसार, अली शामखानी इजरायल के हमले में गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिसमें इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर साइट पर हमला करने का दावा किया था। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन दो दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई। शामखानी को खामेनेई का रणनीतिक सलाहकार और ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का प्रमुख वास्तुकार माना जाता था।
उनकी मौत को केवल एक व्यक्ति की हानि के रूप में नहीं, बल्कि ईरान की रणनीतिक ताकत में एक महत्वपूर्ण कमी के रूप में देखा जा रहा है। शामखानी ने ईरानी नौसेना की कमान संभाली थी और वे ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रमुख भी रहे। उनकी अनुपस्थिति से ईरान के सैन्य संतुलन पर प्रभाव पड़ सकता है।
ईरान को हुए नुकसान का आकलन
रेड क्रिसेंट सोसाइटी के प्रवक्ता बाबक महमूदी खालदी के अनुसार, ईरान के 31 प्रांतों में से 18 इजरायली हमलों से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। ईरानी मीडिया के अनुसार, इजरायली हमलों में एक और परमाणु वैज्ञानिक अली मंसूर बाकुई की भी मौत हो गई है। माज़ंदरान प्रांत के गवर्नर जनरल ने इस बात की पुष्टि की है।
इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ईरान में अपने हमलों को और बढ़ाने पर विचार कर रही है। यह संकेत स्पष्ट करते हैं कि यह केवल एक प्रारंभिक हमला नहीं था, बल्कि एक विस्तृत रणनीति का हिस्सा है। यदि ईरान और इजरायल के बीच तनाव इसी तरह बढ़ता रहा, तो पश्चिम एशिया में एक बड़े संघर्ष की संभावना बढ़ सकती है।