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ईरान का IAEA सम्मेलन में चौंकाने वाला निर्णय

ईरान ने वियना में चल रहे अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को वापस ले लिया, जिससे अन्य देशों में हलचल मच गई है। अमेरिका और इजरायल के दबाव के बीच, ईरान का यह कदम वैश्विक राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। जानें इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या हो रहा है और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
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ईरान का IAEA सम्मेलन में चौंकाने वाला निर्णय

ईरान का आश्चर्यजनक कदम

ईरान का IAEA वियना सम्मेलन में निर्णय: ईरान ने वियना में चल रहे अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के वार्षिक सम्मेलन में गुरुवार को अन्य देशों को चौंका दिया। ईरान ने परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमलों को रोकने के लिए प्रस्ताव को वापस ले लिया, जिसे चीन, रूस और अन्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था की वार्षिक बैठक में मतदान के लिए रखा था।


अमेरिका का दबाव

यह निर्णय उस समय आया है जब अमेरिका अपने सहयोगियों के माध्यम से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की प्रक्रिया में है। अमेरिका इस प्रस्ताव के पारित होने को रोकने के लिए दबाव बना रहा है।


पश्चिमी देशों का संभावित दबाव

अमेरिका इस प्रस्ताव को पारित नहीं होने देना चाहता। एक पश्चिमी राजनयिक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अमेरिका पर्दे के पीछे से इस प्रस्ताव को रोकने के लिए काम कर रहा है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि इससे इजरायल को नुकसान हो सकता है। हालांकि, यह भी कहा गया है कि अमेरिका ने पहले संकेत दिया था कि यदि यह प्रस्ताव पारित होता है और इजरायल के अधिकारों को कम किया जाता है, तो वह अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को मिलने वाले धन में कटौती कर सकता है।


इजरायल और अमेरिका का ईरान पर हमला

इजरायल ने इस साल जून में ईरान के परमाणु और सैन्य स्थलों को निशाना बनाया था। IDF ने कहा था कि वे तेहरान को परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं दे सकते। इसके बाद अमेरिका ने भी ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। हालांकि, ईरान का कहना है कि उनका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है। इस संवेदनशील मुद्दे पर ईरान के इस कदम को लेकर अन्य देशों में चर्चा का माहौल बन गया है। माना जा रहा है कि ईरान ने यह कदम पश्चिमी देशों के दबाव में उठाया है।