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ईरान की परमाणु सुविधाओं पर इजरायल के हमलों से बढ़ी वैश्विक चिंता

इजरायल द्वारा ईरान की परमाणु सुविधाओं पर किए गए हालिया हमलों ने वैश्विक चिंता को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन हमलों से रेडियोलॉजिकल प्रदूषण का खतरा सीमित है, लेकिन बुशहर परमाणु संयंत्र पर हमला एक गंभीर संकट को जन्म दे सकता है। जानें कि इजरायल का उद्देश्य क्या है और खाड़ी देशों की चिंताएं क्या हैं।
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ईरान की परमाणु सुविधाओं पर इजरायल के हमलों से बढ़ी वैश्विक चिंता

इजरायल के हमलों का प्रभाव

हाल ही में इजरायल द्वारा ईरान की परमाणु सुविधाओं पर किए गए हमलों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता को जन्म दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन हमलों से रेडियोलॉजिकल प्रदूषण का खतरा अभी तक सीमित है, लेकिन बुशहर में स्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला एक गंभीर परमाणु संकट को जन्म दे सकता है। इजरायल ने स्पष्ट किया है कि उसका उद्देश्य ईरान की परमाणु क्षमताओं को नष्ट करना है, लेकिन वह क्षेत्र में किसी भी प्रकार की परमाणु आपदा से बचने की कोशिश कर रहा है, जहां लाखों लोग निवास करते हैं और विश्व का अधिकांश तेल उत्पादन होता है।


हमले की घोषणा और प्रतिक्रिया

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 19 जून को खाड़ी क्षेत्र में दहशत फैल गई जब इजरायली सेना ने घोषणा की कि उसने बुशहर में एक साइट पर हमला किया, जहां ईरान का एकमात्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थित है। हालांकि, बाद में इजरायल ने इसे गलत बयान बताया।


इजरायल के हमलों का उद्देश्य

इजरायल को अब तक क्या मिला है?

इजरायल ने नतांज, इस्फहान, अरक और तेहरान में परमाणु साइटों पर हमलों की घोषणा की है। उनका दावा है कि वे ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना चाहते हैं, जबकि ईरान हमेशा इस बात से इनकार करता आया है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने नतांज में यूरेनियम संवर्धन संयंत्र, इस्फहान में परमाणु परिसर, करज और तेहरान में सेंट्रीफ्यूज उत्पादन सुविधाओं को नुकसान की पुष्टि की है।


रेडियोलॉजिकल जोखिम का आकलन

इजरायल के इन हमलों से कितना है खतरा?

लिवरपूल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीटर ब्रायंट ने कहा कि अब तक के हमलों से रेडियोलॉजिकल जोखिम को लेकर ज्यादा चिंता नहीं है। उन्होंने बताया कि अरक साइट संचालित नहीं थी और नतांज की सुविधा भूमिगत है, इसलिए कोई रेडिएशन रिलीज नहीं हुआ।


बुशहर पर हमले का खतरा

बुशहर पर हमले का मंडरा रहा खतरा

बुशहर परमाणु रिएक्टर पर हमले की चिंता सबसे अधिक है। मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रिचर्ड वेकफोर्ड ने कहा कि संवर्धन सुविधाओं पर हमलों से प्रदूषण मुख्य रूप से रासायनिक समस्या होगी, लेकिन बड़े ऊर्जा रिएक्टरों को नुकसान एक अलग स्थिति होगी।


खाड़ी देशों की चिंता

खाड़ी देशों की चिंता क्यों?

खाड़ी देशों के लिए, बुशहर पर किसी भी हमले का प्रभाव खाड़ी के जल के संभावित प्रदूषण से और भी गंभीर हो सकता है, जो पीने योग्य खारे पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।