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एच-1बी और पीईआरएम वीजा आवेदन प्रक्रिया फिर से शुरू

अमेरिकी श्रम विभाग ने एच-1बी और पीईआरएम वीजा आवेदन प्रक्रिया को एक महीने की देरी के बाद फिर से शुरू किया है। नियोक्ता अब नई एप्लिकेशन दायर कर सकते हैं, जिससे हजारों विदेशी पेशेवरों, विशेषकर भारतीयों को राहत मिली है। हालांकि, विभाग ने बैकलॉग के कारण संभावित देरी की चेतावनी भी दी है। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और क्या प्रभाव पड़ेगा।
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एच-1बी और पीईआरएम वीजा आवेदन प्रक्रिया फिर से शुरू

एच-1बी और पीईआरएम वीजा आवेदन प्रक्रिया का पुनरारंभ


अमेरिकी श्रम विभाग ने लगभग एक महीने की देरी के बाद एच-1बी और पीईआरएम वीजा से संबंधित आवेदन प्रक्रिया को फिर से चालू कर दिया है.


नियोक्ताओं के लिए नई संभावनाएं

फॉरेन लेबर एप्लिकेशन गेटवे (FLAG) प्रणाली के फिर से शुरू होने के साथ, नियोक्ता अब नई एप्लिकेशन जमा कर सकते हैं और पहले से लंबित मामलों की स्थिति की जांच कर सकते हैं. यह कदम हजारों विदेशी पेशेवरों, विशेषकर भारतीयों के लिए राहत लेकर आया है.


संभावित देरी की चेतावनी

सरकारी शटडाउन और फंडिंग रुकने के कारण 30 सितंबर से श्रम विभाग की प्रणाली ठप हो गई थी, जिससे कई आवेदन प्रभावित हुए थे. अब जबकि प्रणाली फिर से चालू हो गई है, विभाग ने चेतावनी दी है कि बैकलॉग के कारण प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है.


एच-1बी और पीईआरएम आवेदन की प्रक्रिया

श्रम विभाग के ऑफिस ऑफ फॉरेन लेबर सर्टिफिकेशन (OFLC) ने पुष्टि की है कि FLAG पोर्टल अब पूरी तरह से कार्यशील है. नियोक्ता एच-1बी वीजा के लिए नई लेबर कंडीशन एप्लिकेशन (LCA) और स्थायी रोजगार कार्यक्रमों के लिए पीईआरएम लेबर सर्टिफिकेशन जमा कर सकते हैं.


फंडिंग रुकने का प्रभाव

लगभग एक महीने तक फेडरल फंडिंग में देरी के कारण विभाग की सेवाएं ठप रहीं. अब सभी लंबित एप्लिकेशनों की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है और तकनीकी सहायता नोटिस जल्द ही जारी किए जाएंगे.


भारतीय पेशेवरों के लिए राहत

इस निर्णय से भारतीय पेशेवरों को विशेष रूप से लाभ हुआ है, क्योंकि एच-1बी वीजा धारकों में लगभग 70 प्रतिशत भारतीय हैं. शटडाउन के कारण कई आवेदन लंबित थे, जिससे वीजा की वैधता को लेकर चिंता बढ़ गई थी.


बैकलॉग की समस्या

हालांकि प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि पहले से लंबित मामलों के कारण आवेदन निपटाने में अधिक समय लग सकता है. मार्च 2024 से दाखिल कुछ मामले अब तक लंबित हैं, जिससे देरी की समस्या बनी रहेगी.