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एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर गंभीर आरोप, भारतीय राजनयिक ने उठाए सवाल

भारतीय मूल की अमेरिकी राजनयिक महवश सिद्दीकी ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी का जिक्र है। उन्होंने बताया कि कई अयोग्य आवेदक फर्जी डिग्रियों के माध्यम से इस वीजा को प्राप्त कर रहे हैं, जिससे योग्य पेशेवरों को नुकसान हो रहा है। महवश ने इस प्रणाली की ऑडिट कराने और तुरंत रोक लगाने की मांग की है। जानें उनके अनुभव और दावे।
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एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर गंभीर आरोप, भारतीय राजनयिक ने उठाए सवाल

एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर उठे गंभीर सवाल


नई दिल्ली: भारतीय मूल की अमेरिकी राजनयिक महवश सिद्दीकी ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम के संदर्भ में गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इस वीजा योजना का दुरुपयोग हो रहा है, जिसमें रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी शामिल है। महवश सिद्दीकी पहले भारत में अमेरिकी दूतावास में कार्यरत रह चुकी हैं। उन्होंने एक एंटी इमिग्रेशन थिंक टैंक के लिए लिखते हुए कहा कि एच-1बी कार्यक्रम अब अस्थायी कार्य वीजा के बजाय अमेरिका में प्रवेश का एक सरल मार्ग बन गया है।


महवश ने बताया कि बड़ी संख्या में अयोग्य भारतीय आवेदक फर्जी डिग्रियों, बढ़ा-चढ़ाकर दिखाए गए अनुभव और रिश्वत के माध्यम से इस वीजा को प्राप्त कर रहे हैं। उनके अनुसार, 20 से 45 वर्ष के कई भारतीय इसे अमेरिका जाने का शॉर्टकट मानते हैं, जिससे योग्य अमेरिकी आईटी और STEM पेशेवरों को नुकसान हो रहा है।


महवश सिद्दीकी के अनुभव

महवश सिद्दीकी ने और क्या बताया?


उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि चेन्नई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में तैनाती के दौरान उन्होंने कई ऐसे आवेदकों को देखा, जिनके पास कंप्यूटर साइंस की डिग्री थी, लेकिन बुनियादी कोडिंग भी नहीं आती थी। ऐसे उम्मीदवार साधारण तकनीकी परीक्षण में भी असफल हो जाते थे, फिर भी वे एच-1बी वीजा प्राप्त कर लेते थे।


महवश सिद्दीकी के आरोप

महवश सिद्दीकी ने क्या आरोप लगाया?


महवश ने आरोप लगाया कि भारत और अमेरिका दोनों में कुछ एचआर अधिकारी फर्जी नौकरी पत्र तैयार करने में सहायता करते हैं, जिससे अयोग्य उम्मीदवार जांच प्रक्रिया से बच निकलते हैं। उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल आईटी क्षेत्र तक सीमित नहीं है; कुछ भारतीय मेडिकल ग्रेजुएट्स भी गलत तरीकों से अमेरिकी रेजिडेंसी कार्यक्रम में दाखिला लेते हैं और बाद में चिकित्सा प्रैक्टिस करते हैं।


अमेरिका में भारतीय मैनेजरों पर आरोप

अमेरिका में भारतीय मैनेजरों पर लगाए ये आरोप?


महवश के अनुसार, 'हेलो इफेक्ट' ने रिश्वत और धोखाधड़ी की सामाजिक स्वीकृति से लाभ उठाने वाले भारतीय आवेदकों का पक्ष लिया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका में कुछ भारतीय मैनेजर केवल अपने समुदाय के लोगों को नौकरी देते हैं, जिससे अमेरिकी कर्मचारियों को बाहर किया जाता है और शिकायत करने वालों को चुप कराया जाता है। कई मामलों में, अमेरिकी कर्मचारियों को कम वेतन पर अपने ही प्रतिस्थापन को प्रशिक्षित करने के लिए मजबूर किया जाता है।


फर्जी डिग्री का बाजार

महवश सिद्दीकी के अनुसार, हैदराबाद के अमीरपेट जैसे क्षेत्रों में फर्जी डिग्री और दस्तावेजों का एक पूरा बाजार मौजूद है। उन्होंने एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर तुरंत रोक लगाने और पूरे सिस्टम की ऑडिट कराने की मांग की है।