एलन मस्क का न्यूयॉर्क चुनाव पर विवाद: क्या है सच?
न्यूयॉर्क में मस्क का विवादास्पद बयान
न्यूयॉर्क सिटी में मेयर चुनाव से पहले, अरबपति व्यवसायी एलन मस्क एक नए विवाद में फंस गए हैं। मस्क ने मतदान प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए यह दावा किया कि बैलेट पेपर पर डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट उम्मीदवार जोहरन ममदानी का नाम दो बार छपा है। उन्होंने इसे धोखाधड़ी करार दिया और कहा कि शहर में वोटर आईडी की आवश्यकता नहीं है, साथ ही कुछ उम्मीदवारों के नाम दो बार दिखाई दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर मस्क का आरोप उल्टा
हालांकि, मस्क का यह आरोप सोशल मीडिया पर तुरंत पलट गया। ट्विटर (X) पर बड़ी संख्या में यूज़र्स ने उन्हें बताया कि यह कोई धोखाधड़ी नहीं है, बल्कि न्यूयॉर्क में दशकों से लागू Fusion Voting System का हिस्सा है। इस प्रणाली के तहत, एक उम्मीदवार का नाम विभिन्न पार्टियों के समर्थन में एक से अधिक बार बैलेट पर दिख सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी उम्मीदवार को Democratic Party और Working Families Party दोनों का समर्थन प्राप्त है, तो उनका नाम दो पंक्तियों में दिखाई देगा, लेकिन सभी वोट उसी उम्मीदवार के खाते में जोड़े जाएंगे।
मस्क की नस्लभेदी टिप्पणी पर विवाद
मस्क ने मंगलवार रात X पर एक पोस्ट में मतदाताओं से पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो को वोट देने की अपील की, जिसमें उन्होंने जोहरन ममदानी का नाम गलत तरीके से लिया। इस पर उन्हें नस्लभेदी टिप्पणी का आरोप झेलना पड़ा।
जोहरन ममदानी न्यूयॉर्क में डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट एजेंडे के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। वे अरबपतियों और कॉर्पोरेट्स पर अधिक टैक्स लगाने, सार्वजनिक सेवाओं के विस्तार और आर्थिक समानता की वकालत करते हैं। उनके उदय से टेक उद्योग और अमीर तबके में बेचैनी देखी जा रही है।
डोनाल्ड ट्रंप का बयान
इस विवाद में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हो गए। उन्होंने CBS के 60 Minutes इंटरव्यू में कहा कि वे एक खराब डेमोक्रेट को सहन कर सकते हैं, लेकिन कम्युनिस्ट को नहीं। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर न्यूयॉर्क बहुत अधिक समाजवादी हो गया, तो वे शहर को मिलने वाली संघीय फंडिंग रोक देंगे।
मस्क की आलोचना
एलन मस्क के ट्वीट्स के बाद सोशल मीडिया पर उनकी कड़ी आलोचना हुई। लोगों ने कहा कि इतनी बड़ी टेक कंपनी का मालिक होते हुए भी वे बुनियादी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को समझ नहीं पाए। मस्क के इस बयान ने न केवल उनके राजनीतिक पक्षपात को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखाया कि गलतफहमी कैसे सार्वजनिक चर्चा को भटका सकती है।
