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एस. जयशंकर का चीन और सिंगापुर दौरा: द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की कोशिश

विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज से चीन और सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। यह यात्रा 2020 में लद्दाख में हुए सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के प्रयासों का हिस्सा है। जयशंकर पहले सिंगापुर में अपने समकक्ष से मिलेंगे और फिर चीन में एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। इस यात्रा के दौरान, वे चीनी समकक्ष वांग यी से भी मुलाकात कर सकते हैं। जानें इस यात्रा के प्रमुख पहलुओं और इसके पीछे के उद्देश्यों के बारे में।
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एस. जयशंकर का चीन और सिंगापुर दौरा: द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की कोशिश

जयशंकर की यात्रा का उद्देश्य

विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज से चीन और सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर निकल रहे हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा 13 से 15 जुलाई तक चलेगी, जिसमें वे द्विपक्षीय बैठकों और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। यह यात्रा 2020 में पूर्वी लद्दाख में हुए सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच तनाव के बीच हो रही है।


सिंगापुर में पहले होंगे मुलाकातें

जयशंकर पहले सिंगापुर जाएंगे, जहां वे अपने समकक्ष विवियन बालाकृष्णन से मिलेंगे। इसके बाद, वे चीन के तियानजिन में एससीओ विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में शामिल होंगे। मंत्रालय ने बताया कि इस बैठक के दौरान जयशंकर द्विपक्षीय वार्ताओं का भी आयोजन करेंगे।


चीनी समकक्ष से संभावित मुलाकात

सूत्रों के अनुसार, जयशंकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी से भी मुलाकात कर सकते हैं। यह मुलाकात पिछले साल अक्टूबर में लद्दाख में हुए सैन्य गतिरोध के बाद द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों के तहत हो सकती है।


एससीओ सम्मेलन की तैयारी

एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक, अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन की तैयारियों का हिस्सा है। खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन के लिए चीन जाने की योजना बना रहे हैं।


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