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ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच पर आतंकी हमले ने वैश्विक सुरक्षा पर उठाए सवाल

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बॉन्डी बीच पर हुए आतंकवादी हमले ने वैश्विक सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताओं को जन्म दिया है। तुलसी गबार्ड ने इसे एक चेतावनी के रूप में देखा है, जो केवल ऑस्ट्रेलिया के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरे का संकेत है। इस हमले के बाद, गबार्ड ने इस्लामिज्म को स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। जानें इस हमले के पीछे की वजहें और गबार्ड की चेतावनियाँ।
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ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच पर आतंकी हमले ने वैश्विक सुरक्षा पर उठाए सवाल

ऑस्ट्रेलिया में आतंकवादी हमला


नई दिल्ली: हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुए एक भयानक आतंकवादी हमले ने विश्व को हिला कर रख दिया है। सिडनी के बॉन्डी बीच पर इस हमले के बाद वैश्विक सुरक्षा पर नई बहस छिड़ गई है। अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने इसे एक चेतावनी के रूप में देखा है।


हमले का विवरण

गबार्ड का कहना है कि यह हमला अचानक नहीं हुआ, बल्कि यह लंबे समय से बन रही परिस्थितियों का परिणाम है। उन्होंने इसे केवल ऑस्ट्रेलिया के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी बताया।


बॉन्डी बीच पर हमले की भयावहता


14 दिसंबर को, जब यहूदी समुदाय का हनुक्का उत्सव चल रहा था, तब आतंकियों ने बॉन्डी बीच पर हमला किया। उस समय लगभग एक हजार लोग वहां मौजूद थे। दो आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। पुलिस की कार्रवाई में एक हमलावर मारा गया, जबकि दूसरा गंभीर स्थिति में हिरासत में है.


इस्लामिज्म पर गबार्ड की टिप्पणी

गबार्ड का सीधा आरोप


तुलसी गबार्ड ने कहा कि इस्लामिज्म और इस्लामिस्ट केवल अमेरिका के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुके हैं। उनके अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में इस्लामिस्टों की बढ़ती संख्या ने हालात को इस स्तर तक पहुंचा दिया है। गबार्ड ने स्पष्ट किया कि ऐसे हमले अब किसी को चौंकाने वाले नहीं होने चाहिए।


यूरोप और ऑस्ट्रेलिया की स्थिति

गंभीर चेतावनी


गबार्ड ने यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के लिए गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यूरोप के लिए शायद बहुत देर हो चुकी है और ऑस्ट्रेलिया भी उसी दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के पास अभी भी मौका है, लेकिन यदि जल्दी कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति वहां भी बिगड़ सकती है।


ट्रंप की नीतियों का समर्थन

गबार्ड का समर्थन


तुलसी गबार्ड ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने सीमाओं की सुरक्षा, संदिग्ध आतंकियों के निर्वासन और बिना जांच के बड़े पैमाने पर हो रहे माइग्रेशन को रोकने को प्राथमिकता दी है। गबार्ड के अनुसार, ये कदम अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं।


वैश्विक सुरक्षा पर चिंताएं

गंभीर संकेत


गबार्ड ने चेतावनी दी कि यदि समय पर ठोस और सख्त निर्णय नहीं लिए गए, तो अमेरिका भी उसी स्थिति में पहुंच सकता है जिसका सामना आज यूरोप और संभवतः ऑस्ट्रेलिया कर रहे हैं। उनका कहना है कि बॉन्डी बीच पर हुआ हमला केवल एक देश की समस्या नहीं, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए गंभीर संकेत है।