कजाकिस्तान का अब्राहम समझौते में शामिल होना: क्या है इसका महत्व?
कजाकिस्तान की नई कूटनीतिक दिशा
नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक उपलब्धि हासिल की है। रिपोर्टों के अनुसार, कजाकिस्तान, जो कि मुस्लिम बहुल देशों में से एक है, अब्राहम समझौते में शामिल होने की योजना बना रहा है। इससे वह इजरायल को मान्यता देने वाला नया देश बन सकता है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने साझा की है।
अब्राहम समझौता क्या है?
अब्राहम समझौते की शुरुआत 2020 में ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान हुई थी। इसके तहत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), बहरीन, मोरक्को और सूडान ने इजरायल के साथ अपने राजनयिक संबंध सामान्य किए। इसका मुख्य उद्देश्य था:
- इजरायल और मुस्लिम/अरब देशों के बीच तनाव को कम करना
- क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करना
- आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देना
कजाकिस्तान का इस समझौते में शामिल होना एशिया में एक नई भौगोलिक और राजनीतिक दिशा प्रदान करेगा।
कजाकिस्तान का कदम
कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव इस समय अमेरिका में एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। इस बैठक में ट्रंप और मध्य एशिया के चार अन्य देशों के नेता भी शामिल हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम दो महत्वपूर्ण संकेत देता है।
अमेरिका मध्य एशिया में अपने प्रभाव को फिर से बढ़ाना चाहता है, जहां रूस की पकड़ लंबे समय से रही है और हाल के वर्षों में चीन की उपस्थिति भी बढ़ी है। कजाकिस्तान अपनी विदेश नीति को अधिक बहुध्रुवीय बना रहा है और पश्चिमी देशों के साथ नए संबंध स्थापित कर रहा है।
कजाकिस्तान और इजरायल के संबंध
कजाकिस्तान पहले से ही इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक और आर्थिक संबंध बनाए रखता है। दोनों देशों के बीच ऊर्जा, कृषि तकनीक, साइबर सुरक्षा और रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में सहयोग है। अब्राहम समझौते में शामिल होना एक प्रतीकात्मक लेकिन महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।
एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रपति तोकायेव ने व्हाइट हाउस से संपर्क कर समझौते में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है। उनका मानना है कि यह कदम धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देगा और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करेगा।
ट्रंप की औपचारिक घोषणा
सूत्रों के अनुसार, शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रंप और तोकायेव, इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ बातचीत करेंगे। इसी बैठक में कजाकिस्तान की इस ऐतिहासिक घोषणा का औपचारिक ऐलान हो सकता है।
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि व्हाइट हाउस में जल्द ही एक आधिकारिक हस्ताक्षर समारोह आयोजित किया जा सकता है, जिसमें कजाकिस्तान सहित अन्य देश भी शामिल होंगे जो समझौते में शामिल होने की इच्छा रखते हैं।
संकेत पहले ही मिल चुके थे
कुछ दिन पहले, ट्रंप प्रशासन के मध्य पूर्व विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा था कि अमेरिका जल्द ही अब्राहम समझौते में एक नए देश के शामिल होने की घोषणा करेगा। हालांकि उन्होंने कजाकिस्तान का नाम नहीं लिया था, लेकिन अब घटनाक्रम उसी दिशा में बढ़ता दिख रहा है।
