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कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह: भारतीय तिरंगे का अपमान और बढ़ता तनाव

कनाडा की राजधानी ओटावा में सिख्स फॉर जस्टिस द्वारा आयोजित खालिस्तान जनमत संग्रह के दौरान भारतीय तिरंगे का अपमान हुआ। इस घटना ने भारत और कनाडा के बीच पहले से चल रहे तनाव को और बढ़ा दिया है। कार्यक्रम में 53,000 से अधिक खालिस्तान समर्थकों की भागीदारी का दावा किया गया, जहां उग्र नारों का प्रदर्शन किया गया। भारत ने इस जनमत संग्रह को अपनी संप्रभुता पर हमला मानते हुए कनाडा से सख्त कदम उठाने की मांग की है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी।
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कनाडा में खालिस्तान जनमत संग्रह: भारतीय तिरंगे का अपमान और बढ़ता तनाव

ओटावा में खालिस्तान समर्थकों का प्रदर्शन


नई दिल्ली: कनाडा की राजधानी ओटावा में रविवार को सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) द्वारा आयोजित अनौपचारिक 'खालिस्तान जनमत संग्रह' के दौरान भारतीय तिरंगे का अपमान किया गया। इस कार्यक्रम में हजारों कनाडाई सिख शामिल हुए, जहां भारतीय नेतृत्व और संस्थानों के खिलाफ उग्र और हिंसक नारे लगाए गए। भारत में विध्वंसक गतिविधियों के कारण SFJ को UAPA के तहत प्रतिबंधित किया जा चुका है।


53,000 लोगों की भागीदारी का दावा

ओटावा के मैकनैब कम्युनिटी सेंटर में 23 नवंबर को सुबह 10 बजे से शाम 3 बजे तक चले इस कथित वोटिंग आयोजन में SFJ ने 53,000 से अधिक खालिस्तान समर्थकों की भागीदारी का दावा किया। संगठन के अनुसार, नवजात बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने मतदान में भाग लिया। मतदान का आधिकारिक समय समाप्त होने के बावजूद भारी भीड़ के कारण वोटिंग जारी रखी गई।


हिंसक नारों का प्रदर्शन

अल्बर्टा स्थित डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म मीडिया बेजिर्गन के अनुसार, मतदान स्थल के आसपास भारी भीड़ थी। वीडियो में खालिस्तान समर्थकों को भारतीय नेताओं के खिलाफ उग्र नारे लगाते देखा गया। पुलिस के लायजन अधिकारी पूरे समय मौजूद रहे, लेकिन उन्होंने भीड़ में हस्तक्षेप नहीं किया।


गुरपतवंत पन्नून का संदेश

भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए SFJ के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नून ने कार्यक्रम में सैटेलाइट संदेश के माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित किया। मतदान समाप्त होते ही खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय तिरंगे का अपमान किया, जिसके वीडियो अब ऑनलाइन प्रसारित हो रहे हैं।


कनाडा के पीएम और मोदी की मुलाकात पर सवाल

SFJ ने सवाल उठाया कि कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने उसी दिन दक्षिण अफ्रीका में G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात क्यों की। संगठन ने इसे कनाडाई सिख समुदाय की बढ़ती जनमत सक्रियता के संदर्भ में संदेह पैदा करने वाला बताया।


भारत-कनाडा संबंधों में तनाव

भारत पहले ही कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी संगठनों और उग्रवादी गतिविधियों पर कड़ी आपत्ति जता चुका है। ओटावा में हुए इस कार्यक्रम के बाद दोनों देशों के बीच तनाव पर नई बहस छिड़ने की संभावना बढ़ गई है। भारत ने स्पष्ट किया है कि ऐसे जनमत संग्रह उसकी संप्रभुता पर सीधा हमला हैं और कनाडा को उग्रवादी तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।


भारतीय तिरंगे का अपमान


  • यह पहली बार नहीं है जब खालिस्तानी समर्थकों ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया हो।


  • मार्च 2024: कॅलगरी में प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे को काटा।


  • अप्रैल 2025: सरे की वैसाखी परेड में तिरंगे को जमीन पर घसीटा गया।


  • नवंबर 2025: मॉन्ट्रियल में 500 से अधिक कारों की रैली में 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगे।


  • 15 नवंबर 2025: ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त के आवास के बाहर कार रैली में एयर इंडिया बमकांड के दोषी शामिल हुए।