कनाडा में भारतीय नागरिकों का निष्कासन: 2024 में रिकॉर्ड संख्या

कनाडा में भारतीय नागरिकों का बढ़ता निष्कासन
कनाडा में भारतीय नागरिकों के निष्कासन की घटनाएं हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी हैं। 2024 में लगभग 1,932 भारतीय नागरिकों को निष्कासित किया गया, जो 2023 में 1,129 और 2019 में 625 के मुकाबले काफी अधिक है।
यह प्रवृत्ति यह दर्शाती है कि भारतीय नागरिक अब कनाडा में निष्कासन मामलों में तेजी से बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में कुल निष्कासित विदेशी नागरिकों में भारतीयों का हिस्सा 11.5% था, जबकि 2023 में यह 7.5% था।
निष्कासन के कारण
इस वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। सरकार ने बताया है कि ऐसे विदेशी नागरिक जिन्हें कनाडा में रहने का अधिकार नहीं है या जिनके शरण-आवेदन अस्वीकृत हो गए हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर निष्कासित किया जा रहा है। CBSA की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि निष्कासनों के लिए संसाधनों को बढ़ाया गया है और पुनः प्रवेश की प्रक्रिया तथा शुल्क में भी वृद्धि की गई है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रवृत्ति कनाडा की प्रवासी नीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है। इन नीतियों में उन मामलों को प्राथमिकता दी जा रही है जहां अपराध, मानवाधिकार उल्लंघन या अन्य गंभीर कारण मौजूद हैं।
भारत-कनाडा संबंधों पर प्रभाव
भारतीय नागरिकों के निष्कासन की यह प्रवृत्ति भारत-कनाडा संबंधों पर भी असर डाल रही है। अधिक संख्या में भारतीय नागरिक अध्ययन, काम या स्थायी निवास के लिए कनाडा आ रहे हैं, जिससे उन मामलों की निगरानी बढ़ गई है जहां नागरिकता की स्थिति या अनुमति विवादित है।
निष्कासन की दर में वृद्धि
कुल मिलाकर, पिछले छह वर्षों में भारतीय नागरिकों के निष्कासन की दर में निरंतर वृद्धि देखी गई है, और 2024 का आंकड़ा अब रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यदि कनाडा की प्रवासी नीति और निष्कासन प्रक्रिया इसी तरह सक्रिय रही, तो आने वाले वर्षों में यह प्रवृत्ति और भी तेज हो सकती है।