कश्मीर की नई कहानी: 'रीइमैजनिंग जम्मू एंड कश्मीर' का विमोचन

कश्मीर की बदलती तस्वीरें
इन छवियों में केवल दृश्य नहीं, बल्कि बदलाव की गूंज भी है। यह पुस्तक कश्मीर के परिवर्तन की जीवंत गाथा प्रस्तुत करती है। पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद, लोग सड़कों पर उतर आए और घटना की निंदा की। 6 जून को चिनाब पुल का उद्घाटन इस एकीकरण को भौगोलिक रूप से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण कदम था।
पुस्तक का विमोचन
नई दिल्ली में इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स (IGNCA) में 'रीइमैजनिंग जम्मू एंड कश्मीर' नामक एक अनोखी कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस पुस्तक को जारी करते हुए कहा कि इसमें केवल दृश्य नहीं, बल्कि बदलाव की धड़कनें हैं।
किसान की तस्वीर का महत्व
कार्यक्रम की अध्यक्षता IGNCA के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने की, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी भी शामिल थे। उपराज्यपाल ने पुस्तक में एक किसान की तस्वीर का उल्लेख किया, जो सरसों के खेत में खड़ा है। उन्होंने बताया कि कश्मीर में अब डेढ़ लाख हेक्टेयर में सरसों की खेती हो रही है, जो सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक है।
चिनाब पुल का उद्घाटन
उपराज्यपाल ने चिनाब पुल की तस्वीर को उल्लेखनीय बताया, जो भारत का सबसे ऊँचा आर्च ब्रिज है। उन्होंने इसे उत्तर से दक्षिण तक के वास्तविक जुड़ाव का प्रतीक बताया।
ऐतिहासिक तिथियाँ
सिन्हा ने 5 अगस्त 2019 और 6 जून 2025 को ऐतिहासिक तिथियाँ बताते हुए कहा कि 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 का अंत हुआ और जम्मू-कश्मीर का भारत से पूर्ण एकीकरण संभव हुआ।
आतंकवाद का संदर्भ
उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का भी उल्लेख किया, जिसे शांति और प्रगति को बाधित करने की साजिश बताया। लेकिन अब कश्मीर में लोग आतंकवादी हमले के बाद सड़कों पर उतरकर घटना की निंदा कर रहे हैं।
पुस्तक का महत्व
राम बहादुर राय ने इसे एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ बताते हुए कहा कि इसे केवल भारतीय पाठकों तक ही नहीं, बल्कि विश्व के नेताओं तक पहुँचाना चाहिए।
किताब की विशेषताएँ
किताब का शीर्षक 'Reimagining Jammu and Kashmir – A Pictorial Journey' है। लेखक आशीष शर्मा हैं और इसे Bloomsbury Publishing India द्वारा प्रकाशित किया गया है।