कुवैत में अवैध चिकित्सा क्लिनिक का भंडाफोड़, चार भारतीय नागरिक गिरफ्तार
कुवैत में गुप्त चिकित्सा क्लिनिक का खुलासा
नई दिल्ली: कुवैत के फरवानिया क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने एक अवैध चिकित्सा क्लिनिक का पर्दाफाश किया है, जो एक निजी अपार्टमेंट में संचालित हो रहा था। इस क्लिनिक के पास कोई आधिकारिक अनुमति नहीं थी।
इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने चार भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक व्यक्ति बिना लाइसेंस के चिकित्सा सेवा दे रहा था, जबकि अन्य तीन इलाज कराने आए थे। यह घटना कुवैत में अवैध चिकित्सा प्रथाओं और सरकारी दवाओं की चोरी के मुद्दे को उजागर करती है।
संयुक्त टीम द्वारा की गई कार्रवाई
गृह मंत्रालय के अनुसार, यह कार्रवाई सुरक्षा निदेशालय और आपराधिक सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने की। उन्हें सूचना मिली थी कि एक अपार्टमेंट में बिना अनुमति चिकित्सा सेवाएं दी जा रही हैं। जब टीम ने छापा मारा, तो वहां दवाइयां, चिकित्सा उपकरण और मरीजों के लिए आवश्यक सामग्री मिली, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह क्लिनिक लंबे समय से चल रहा था।
सरकारी दवाइयों की चोरी का खुलासा
छापेमारी के दौरान यह भी पता चला कि यह केवल एक अवैध क्लिनिक नहीं था, बल्कि इसके पीछे सरकारी दवाओं की चोरी और अवैध बिक्री का एक बड़ा नेटवर्क भी सक्रिय था। जांच में यह सामने आया कि तीन बांग्लादेशी नागरिक इस क्लिनिक में सरकारी अस्पतालों की दवाइयां पहुंचाते थे, जिन्हें वे पैसे के बदले बेचते थे। ये दवाइयां सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए थीं, इसलिए उनका इस तरह से उपयोग लोगों की सेहत के लिए खतरा है।
जांच में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। एक सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत बांग्लादेशी कर्मचारी दवाइयां चोरी कर रहा था, जो अवैध क्लिनिक तक पहुंचाई जाती थीं। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह धंधा केवल क्लिनिक तक सीमित नहीं था, बल्कि सरकारी संसाधनों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग भी हो रहा था।
कानूनी कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया
इस मामले में कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें चार भारतीय और चार बांग्लादेशी शामिल हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य मंत्रालय के दवा नियंत्रण विभाग ने बरामद दवाओं को सुरक्षित रखने और उनकी जांच करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह मामला कुवैत में अवैध चिकित्सा गतिविधियों, सरकारी दवाओं की चोरी और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए अधिकारियों की गंभीरता को दर्शाता है। सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि वे ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई जारी रखेंगी ताकि लोगों की सेहत को किसी भी तरह का खतरा न हो।
