क्या Marjorie Taylor Greene का इस्तीफा ट्रंप के लिए नई चुनौतियाँ लाएगा?
मार्जोरी टेलर ग्रीन का इस्तीफा: अमेरिकी राजनीति में हलचल
नई दिल्ली: अमेरिकी राजनीति में एक नई हलचल पैदा करते हुए रिपब्लिकन सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने घोषणा की है कि वह जनवरी में अपने पद से इस्तीफा देंगी। यह घोषणा उस समय आई है जब उनका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ खुला टकराव चल रहा है। यह विवाद विशेष रूप से H-1B वीजा कार्यक्रम को लेकर बढ़ा है, जिसका सबसे अधिक लाभ भारतीय पेशेवर उठाते हैं।
ट्रंप के करीबी समर्थक से विरोधी तक का सफर
ग्रीन को लंबे समय तक ट्रंप के सबसे वफादार समर्थकों में गिना जाता था। उन्होंने ट्रंप की नीतियों का समर्थन किया, चाहे वह 6 जनवरी का कैपिटल दंगा हो या 2024 का चुनाव अभियान। वह MAGA आंदोलन की प्रमुख चेहरों में से एक थीं।
हालांकि, समीकरण तब बदल गया जब ग्रीन ने H-1B वीजा कार्यक्रम को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा। इस कार्यक्रम के तहत अमेरिकी कंपनियां भारतीय तकनीकी पेशेवरों को काम पर रखती हैं। ग्रीन के इस कदम ने ट्रंप को नाराज कर दिया, क्योंकि वह इस कार्यक्रम का समर्थन करते रहे हैं।
H-1B वीजा पर विवाद गहराया
जैसे ही ग्रीन ने विधेयक पेश किया, ट्रंप ने उन्हें पागल कहा और उनके समर्थन को वापस लेने का ऐलान कर दिया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ग्रीन ने ट्रंप की रणनीति से हटकर अमेरिका फर्स्ट की एक नई परिभाषा गढ़ने की कोशिश की, जिससे ट्रंप और भड़क गए।
कई MAGA समर्थक वर्षों से H-1B वीजा को खत्म करने की मांग कर रहे हैं, यह कहते हुए कि इससे अमेरिकी नौकरियों पर खतरा है। लेकिन ट्रंप ने इस कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि अमेरिका में उच्च कौशल वाले कर्मियों की कमी है।
ट्रंप-ग्रीन विवाद में नए आरोप
ग्रीन केवल H-1B मुद्दे पर ही नहीं, बल्कि एपस्टीन फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर भी ट्रंप के निशाने पर आ गईं। ट्रंप ने पहले इस मांग को फर्जी बताया था, लेकिन बाद में उन्होंने खुद रिपब्लिकन पार्टी से फाइलें जारी करने की मांग की।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ग्रीन को निशाना बनाते हुए कहा कि वह लगातार शिकायत करती हैं और वह हर दिन किसी पागल का फोन नहीं उठा सकते। उन्होंने यह भी कहा कि जॉर्जिया में यदि सही उम्मीदवार चुनाव लड़े तो वह उनका समर्थन करेंगे।
ग्रीन की पहचान और इस्तीफे का प्रभाव
ग्रीन पहले ऐसी रिपब्लिकन नेता थीं जिन्होंने गाजा में नरसंहार की बात की और एपस्टीन पीड़ितों के समर्थन में अभियान चलाया। अब वह खुद को अमेरिका फर्स्ट की असली संरक्षक बताने की कोशिश कर रही हैं, जबकि ट्रंप उन्हें पार्टी पर बोझ मानते हैं।
उनके इस्तीफे की घोषणा ने स्पष्ट कर दिया है कि यह विवाद अब केवल राजनीतिक मतभेद नहीं रह गया है, बल्कि यह रिपब्लिकन पार्टी के भीतर शक्ति संतुलन को हिला देने वाला एक बड़ा प्रदर्शन बन गया है।
