क्या अमेरिका-चीन व्यापार विवाद में आएगा बदलाव? ट्रंप ने दिए संकेत
ट्रंप का नया बयान
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ चल रहे टैरिफ विवाद पर एक महत्वपूर्ण संकेत दिया है। ट्रंप ने कहा है कि यदि बीजिंग वॉशिंगटन के लिए कुछ "काम" करता है, तो चीन पर लगाए गए भारी टैरिफ को कम किया जा सकता है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका पहले ही चीन से आने वाले सामानों पर 100 प्रतिशत टैरिफ और कुछ महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर नए निर्यात नियंत्रण की घोषणा कर चुका है।
खेल एकतरफा नहीं होगा
ट्रंप ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनके संबंध अच्छे हैं, लेकिन कई मुद्दों पर मतभेद भी हैं। ट्रंप के अनुसार, चीन अभी अमेरिका को टैरिफ के रूप में बड़ी रकम चुका रहा है और वह इसे कम करवाना चाहता है। ऐसे में अमेरिका इस पर विचार कर सकता है, लेकिन शर्त स्पष्ट है। चीन को भी बदले में कुछ देना होगा।
पहले कार्यकाल की यादें
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भी चीन ने भारी भुगतान किया था। अब स्थिति ऐसी है कि चीन अमेरिका को अविश्वसनीय रूप से बड़ी रकम दे रहा है। ट्रंप ने स्वीकार किया कि शायद अब चीन इतनी बड़ी रकम चुकाने की स्थिति में न हो। ऐसे में अमेरिका टैरिफ घटाने पर विचार कर सकता है, लेकिन यह तभी होगा जब चीन अमेरिकी हितों के लिए ठोस कदम उठाए।
मलेशिया में संभावित वार्ता
इस बीच, अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट ने जानकारी दी है कि अमेरिका और चीन के अधिकारी इस सप्ताह के अंत में मलेशिया में बातचीत कर सकते हैं। यह खबर ऐसे समय आई है जब हाल ही में ट्रंप के दोबारा व्हाइट हाउस लौटने के बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पहली आमने-सामने की बैठक रद्द होने की अटकलें सामने आई थीं। अब प्रस्तावित वार्ता को दोनों देशों के बीच जमी बर्फ पिघलाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में वृद्धि
कुछ महीनों की सीमित स्थिरता के बाद अमेरिका और चीन के रिश्तों में फिर से तनाव बढ़ने लगा है। अमेरिका ने तकनीकी प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाया और अमेरिकी बंदरगाहों में आने वाले चीनी जहाजों पर नए शुल्क लगाने की योजना बनाई, वहीं चीन ने जवाब में दुर्लभ धातुओं और अन्य महत्वपूर्ण सामग्रियों के निर्यात पर सख्त नियम लागू करने की घोषणा की।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर खतरा
विश्व व्यापार संगठन की महानिदेशक न्गोजी ओकोंजो-इवेला पहले ही दोनों देशों को चेतावनी दे चुकी हैं। उनका कहना है कि अगर अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता रहा और रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंचे, तो लंबे समय में वैश्विक आर्थिक उत्पादन में करीब सात प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है।
आगे की राह
फिलहाल चीन ने टैरिफ युद्ध के बीच अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता के नए दौर पर सहमति जताई है। अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि मलेशिया में होने वाली बातचीत से कोई ठोस नतीजा निकलता है या नहीं। ट्रंप के बयान से यह स्पष्ट है कि अमेरिका अब किसी भी समझौते को "दोनों तरफ से फायदे" की शर्त पर ही आगे बढ़ाएगा।
