क्या चीन की रेयर अर्थ मिनरल्स पर पकड़ वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है?

अंतरराष्ट्रीय समाचार
अंतरराष्ट्रीय समाचार: अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने चेतावनी दी है कि चीन की रेयर अर्थ मिनरल्स पर नियंत्रण वैश्विक अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बनता जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका इस स्थिति को लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं करेगा। फॉक्स न्यूज के साथ बातचीत में उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत और यूरोप उनके साथ खड़े होंगे। यह बयान तब आया है जब चीन निरंतर नए निर्यात प्रतिबंध लागू कर रहा है, जिससे अमेरिकी रक्षा और तकनीकी क्षेत्रों पर दबाव बढ़ रहा है।
अमेरिका का विरोधाभास
विशेषज्ञों ने बेसेंट से सवाल किया कि जिस भारत से वह सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं, उस पर अमेरिका ने भारी टैरिफ लगाया है। 50 प्रतिशत का शुल्क भारतीय निर्यातकों पर भारी पड़ रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका चाहता है कि भारत चीन के खिलाफ उसके साथ खड़ा हो। विश्लेषकों का कहना है कि यह अमेरिकी नीति में एक बड़ा विरोधाभास है। खुद बेसेंट ने पहले भी भारत के खिलाफ कड़े बयान दिए हैं।
चीन बनाम विश्व की स्थिति
बेसेंट ने इसे एक वैश्विक संघर्ष के रूप में वर्णित किया। उनके अनुसार, चीन अकेला खड़ा है और बाकी दुनिया को एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि चीन एक कमांड-एंड-कंट्रोल प्रणाली का संचालन करता है, जबकि लोकतांत्रिक देश स्वतंत्र सहयोग की आकांक्षा रखते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत, यूरोप और अन्य एशियाई लोकतंत्र मिलकर चीन की आक्रामक नीतियों का सामना करेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका निर्यात प्रतिबंध और निगरानी को लंबे समय तक नहीं सहन करेगा।
टैरिफ और कूटनीति
हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा को टाल दिया था ताकि तनाव कम हो सके। लेकिन भारत पर भारी टैरिफ अभी भी लागू है, जिससे अमेरिका की स्थिति विरोधाभासी प्रतीत होती है। बेसेंट ने इस पर स्पष्टीकरण दिया कि अमेरिका अलगाव नहीं चाहता, बल्कि जोखिम को कम करना चाहता है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण खनिज, अर्धचालक और फार्मा उद्योग को देश में लाना उनकी प्राथमिकता है।
चीन पर युद्ध फंडिंग का आरोप
बेसेंट ने चीन पर गंभीर आरोप लगाया कि वह युद्ध को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। उनका कहना है कि चीन की नीति केवल अमेरिका के लिए नहीं, बल्कि पूरी वैश्विक शांति के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका शांति के लिए प्रयासरत है, जबकि चीन संघर्ष को बढ़ावा दे रहा है। रेयर मिनरल्स पर उसका नियंत्रण भविष्य के युद्धों की तैयारी के समान है। यह बयान अमेरिकी रक्षा हलकों में चिंता को और बढ़ाता है।
भारत की क्षमता और चुनौतियाँ
भारत के पास रेयर मिनरल्स का एक बड़ा भंडार है, लेकिन इसकी परिष्करण क्षमता सीमित है। भारत ने नेशनल क्रिटिकल माइनरल स्टॉकपाइल योजना शुरू की है, जिसमें 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसका उद्देश्य ऊर्जा, रक्षा और तकनीकी उद्योगों को निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करना है। भारत के पास 7.23 मिलियन टन दुर्लभ पृथ्वी ऑक्साइड है, लेकिन इसका लाभ उठाने के लिए और निवेश की आवश्यकता है।
वैश्विक शक्ति संतुलन का मुद्दा
रेयर मिनरल्स का उपयोग लड़ाकू विमानों, पनडुब्बियों, ड्रोन और मिसाइलों में होता है। चीन का 60 प्रतिशत खनन और 90 प्रतिशत परिष्करण पर नियंत्रण उसे अत्यधिक शक्तिशाली बनाता है। अमेरिका की 70 प्रतिशत आवश्यकता चीन से पूरी होती है। यही कारण है कि अमेरिका चाहता है कि भारत और यूरोप उसके साथ मिलकर चीन की इस पकड़ को तोड़ें। आने वाले समय में यही वैश्विक शक्ति संतुलन को निर्धारित करेगा।