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क्या तालिबान के हमले से पाकिस्तान की सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है?

हाल ही में तालिबान के हमले ने पाकिस्तान की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल दिया है, जिसमें 50 से अधिक सैनिकों की मौत का दावा किया गया है। सऊदी अरब ने इस हिंसा पर चिंता जताई है और दोनों देशों के बीच तनाव को बातचीत से सुलझाने की अपील की है। इस बीच, पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रक्षा समझौते पर भी सवाल उठ रहे हैं। जानें इस घटनाक्रम का क्षेत्रीय स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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क्या तालिबान के हमले से पाकिस्तान की सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है?

तालिबान का हमला और पाकिस्तान की स्थिति


सऊदी अरब की चिंता: पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद के समर्थन के आरोपों का सामना कर रहा है, और अब वह खुद इस संकट में फंसता नजर आ रहा है। हाल ही में अफगान तालिबान द्वारा किए गए हमले ने शहबाज शरीफ की सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। तालिबान ने दावा किया है कि इस हमले में पाकिस्तान के 50 से अधिक सैनिकों की जान गई और कई चौकियों पर कब्जा कर लिया गया। इस घटनाक्रम ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है और यह सवाल उठाया है कि क्या पाकिस्तान को सऊदी अरब जैसी सहयोगी शक्तियों से सैन्य सहायता मिलेगी।


सऊदी अरब का आधिकारिक बयान

सऊदी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की है। मंत्रालय ने कहा है कि दोनों देशों को संयम बरतना चाहिए और तनाव को बातचीत के माध्यम से सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। बयान में यह भी कहा गया कि क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा के लिए टकराव से बचना आवश्यक है।


रक्षा समझौते पर उठते सवाल

यह ध्यान देने योग्य है कि कुछ हफ्ते पहले पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सऊदी अरब किसी युद्ध की स्थिति में सीधे हस्तक्षेप करेगा या केवल रणनीतिक समर्थन प्रदान करेगा। दोनों देशों ने इस समझौते को आक्रामक नहीं, बल्कि रक्षात्मक उद्देश्य से किया गया बताया था।


तालिबान की प्रतिक्रिया

तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पाकिस्तान को पहले अपने अंदर फैले उग्रवाद की समस्या से निपटना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का कोई सदस्य नहीं है। इसके साथ ही मुत्तकी ने यह भी बताया कि सऊदी अरब और कतर ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है।


सीमा पर बढ़ती हिंसा

रिपोर्टों के अनुसार, शनिवार रात तालिबान के लड़ाकों ने पाकिस्तान की कई चौकियों पर कब्जा कर लिया। इसके जवाब में पाकिस्तानी सेना ने भी तालिबान की चौकियों पर हमला किया। खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के कई क्षेत्रों में भारी गोलीबारी हुई, जिसमें अंगूर अड्डा, बाजौर, कुर्रम, दीर और चित्राल शामिल हैं।


संघर्ष का अब तक का नुकसान

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस संघर्ष में अब तक लगभग 65 सैनिकों और लड़ाकों की जान जा चुकी है। तालिबान की आक्रामकता ने पाकिस्तान को गंभीर संकट में डाल दिया है।