Newzfatafatlogo

क्या था जेफरी एपस्टीन का विवादास्पद वीडियो? जानिए इसके पीछे की सच्चाई

हाल ही में, अमेरिकी न्याय विभाग ने जेफरी एपस्टीन से जुड़े एक विवादास्पद वीडियो को जारी किया, जो उनकी जेल में आत्महत्या के प्रयास को दर्शाता था। लेकिन यह वीडियो असली नहीं था, बल्कि एक पुरानी फेक क्लिप निकली। इस लेख में जानें कि कैसे यह वीडियो सामने आया, इसकी सामग्री क्या थी, और इसे क्यों हटाया गया। इसके अलावा, एपस्टीन से जुड़ी फाइलों के संदर्भ में और क्या जानकारी सामने आई है।
 | 
क्या था जेफरी एपस्टीन का विवादास्पद वीडियो? जानिए इसके पीछे की सच्चाई

नए खुलासे में शामिल हुआ विवादास्पद वीडियो


अमेरिकी न्याय विभाग ने हाल ही में जेफरी एपस्टीन से संबंधित फाइलों के एक नए सेट में एक ऐसा वीडियो पेश किया, जो उनकी जेल में आत्महत्या के प्रयास को दर्शाता था। हालांकि, यह जल्दी ही स्पष्ट हो गया कि यह वीडियो असली नहीं था और इसे विभाग ने चुपचाप हटा लिया। यह घटना 22 दिसंबर 2025 को सामने आई, जब एपस्टीन से जुड़ी फाइलों में यह क्लिप दिखाई दी।


वीडियो की सामग्री

इस 12 सेकंड के वीडियो में एक सफेद बालों वाला व्यक्ति नारंगी जंपसूट पहने जेल की कोठरी में बंक बेड के नीचे घुटनों के बल बैठा हुआ दिखाई दे रहा था, जो जोर-जोर से संघर्ष कर रहा था। टाइमस्टैम्प 10 अगस्त 2019 की सुबह 4:29 बजे का था, जो एपस्टीन की मृत्यु से लगभग दो घंटे पहले का था। वीडियो पर 'जे एपस्टीन' का लेबल भी था, लेकिन इसे बिना किसी विवरण के फाइलों में जोड़ा गया था।


नकली वीडियो का खुलासा

जांच में यह सामने आया कि यह वीडियो एक पुरानी फेक क्लिप है, जो 4chan जैसे प्लेटफार्मों पर प्रसारित हो रही थी। यह संभवतः कंप्यूटर जनरेटेड या 3डी रेंडरिंग से बनाई गई थी। सेल का दरवाजा और कपड़ों की बनावट असली नहीं लग रही थी। एक व्यक्ति ने 2021 में जांचकर्ताओं को ईमेल भेजकर इसकी वास्तविकता के बारे में पूछा था।


डीओजे ने इसे जांच फाइलों में रखा, लेकिन जारी करते समय संदर्भ नहीं दिया। जब इसकी वास्तविकता पर संदेह हुआ, तो इसे तुरंत हटा दिया गया, लेकिन विभाग ने इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।


एपस्टीन फाइलों का संदर्भ

एपस्टीन से जुड़ी फाइलें ट्रंप प्रशासन के दौरान पारदर्शिता कानून के तहत जारी की जा रही हैं। इनमें दस्तावेज, तस्वीरें और वीडियो शामिल हैं, जिनमें एपस्टीन और घिसलेन मैक्सवेल की तस्वीरें भी हैं। मैक्सवेल को नाबालिगों की भर्ती के आरोप में 20 साल की सजा सुनाई गई है।


पहले जारी किए गए असली जेल फुटेज में यह दिखाया गया है कि सेल के अंदर कोई कैमरा नहीं था। यह घटना एपस्टीन की मौत के बारे में चल रहे षड्यंत्र सिद्धांतों को और बढ़ावा दे रही है, जबकि अधिकारी इसे आत्महत्या मानते हैं।