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क्या पाकिस्तान गाजा में भेजेगा सेना? जानें इस विवादास्पद मिशन की पूरी कहानी

पाकिस्तान की सेना गाजा पट्टी में हमास के प्रभाव को समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल के तहत भेजने की योजना पर विचार कर रही है। पूर्व सैन्य अधिकारी आदिल राजा के अनुसार, रावलपिंडी में इस मुद्दे पर लगातार बैठकें हो रही हैं। सेना प्रमुख असीम मुनीर अमेरिका के दबाव में हैं, जबकि इस्लामी ताकतों की प्रतिक्रिया का भी डर है। वित्तीय मुद्दों के कारण इस मिशन में देरी हो रही है। जानें इस निर्णय के संभावित राजनीतिक और सामाजिक प्रभावों के बारे में।
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क्या पाकिस्तान गाजा में भेजेगा सेना? जानें इस विवादास्पद मिशन की पूरी कहानी

पाकिस्तान की सेना गाजा में संभावित मिशन पर चर्चा


गाजा पट्टी में हमास के प्रभाव को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान की सेना को अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल के तहत भेजने की योजना पर गंभीर विचार-विमर्श चल रहा है। यह जानकारी पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारी आदिल राजा ने साझा की है। उनके अनुसार, रावलपिंडी स्थित आर्मी हेडक्वार्टर में इस विषय पर लगातार बैठकें हो रही हैं और सेना के उच्च अधिकारी इस विकल्प पर विचार कर रहे हैं।


असीम मुनीर पर दबाव का खेल

पाकिस्तानी सेना के प्रमुख असीम मुनीर इस समय दोतरफा दबाव का सामना कर रहे हैं। एक ओर, अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान गाजा में अंतरराष्ट्रीय मिशन का हिस्सा बने, जबकि दूसरी ओर, इस्लामी ताकतों की प्रतिक्रिया का डर है, क्योंकि गाजा में सेना भेजना इजरायल के पक्ष में एक कदम माना जा सकता है।


अमेरिका और ट्रंप की भूमिका

आदिल राजा के अनुसार, हाल के महीनों में असीम मुनीर ने अमेरिका के साथ अपने संबंधों को सुधारने की कोशिश की है। उनकी डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद, वॉशिंगटन ने पाकिस्तान पर दबाव डाला कि वह इजरायल के प्रति नरम रुख अपनाए और गाजा में सुरक्षा बल भेजने के लिए तैयार हो।


डील में वित्तीय अड़चन

वास्तविक समस्या अब राजनीति से अधिक वित्तीय मुद्दों पर आकर अटक गई है। पाकिस्तान ने गाजा मिशन के लिए प्रति सैनिक लगभग दस हजार डॉलर की मांग की है और कम से कम आठ हजार डॉलर की गारंटी की आवश्यकता है। लेकिन यह राशि अभी तक तय नहीं हो पाई है, जिसके कारण अंतिम निर्णय में देरी हो रही है।


गाजा में सेना की भूमिका

यदि पाकिस्तानी सेना गाजा भेजी जाती है, तो उसे International Stabilization Force के तहत आंतरिक सुरक्षा, पुलिस व्यवस्था और हमास को कमजोर करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। यह मिशन लड़ाई से अधिक नियंत्रण और स्थिरता पर केंद्रित होगा।


पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया

इन सभी अटकलों के बीच, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि गाजा के लिए सैनिक भेजने के प्रस्ताव पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार इस मुद्दे पर सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने के बाद ही कोई कदम उठाएगी।


इस फैसले का व्यापक प्रभाव

यदि पाकिस्तान गाजा में सेना भेजता है, तो इसका प्रभाव केवल मध्य पूर्व तक सीमित नहीं रहेगा। यह पाकिस्तान की घरेलू राजनीति, इस्लामी संगठनों की प्रतिक्रिया और अमेरिका के साथ संबंधों की दिशा को भी प्रभावित करेगा, जिससे यह निर्णय सैन्य से अधिक राजनीतिक बन जाएगा।