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क्या पाकिस्तान ने छुपे हुए परमाणु परीक्षण किए? ट्रंप के बयान ने बढ़ाई चिंता

भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की गुप्त परमाणु गतिविधियों पर प्रतिक्रिया दी है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के हालिया बयान के बाद आई है। ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान समेत कुछ देश गुप्त रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। इस पर भारत ने पाकिस्तान के इतिहास में ऐसे गतिविधियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। जानें इस मुद्दे पर क्या कहा गया और इसके पीछे की सच्चाई क्या है।
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क्या पाकिस्तान ने छुपे हुए परमाणु परीक्षण किए? ट्रंप के बयान ने बढ़ाई चिंता

भारत की प्रतिक्रिया पर पाकिस्तान की परमाणु गतिविधियाँ

नई दिल्ली : भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की गुप्त और अवैध परमाणु गतिविधियाँ उसके ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुरूप हैं। यह प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान के संदर्भ में आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान समेत कुछ देश गुप्त रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान पाकिस्तान के ऐसे रिकॉर्ड की ओर आकर्षित किया है, जिसमें कब्ज़ा, निर्यात नियंत्रण उल्लंघन, गुप्त साझेदारियाँ, ए.क्यू. खान नेटवर्क और परमाणु प्रसार शामिल हैं.

MEA प्रवक्ता रंधीर जैस्वाल का बयान
MEA के प्रवक्ता रंधीर जैस्वाल ने कहा, "पाकिस्तान की गुप्त और अवैध परमाणु गतिविधियाँ उसके इतिहास के अनुरूप हैं, जो दशकों से चल रहे जालसाजी और प्रसार की घटनाओं से भरा हुआ है। इस संदर्भ में, हमने राष्ट्रपति ट्रंप के पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण से जुड़े बयान पर ध्यान दिया है।"

ट्रंप के आरोपों पर प्रतिक्रिया
ट्रंप ने CBS के 60 Minutes के साक्षात्कार में कहा था कि रूस, चीन और पाकिस्तान परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "रूस का परीक्षण, चीन का परीक्षण, लेकिन वे इसके बारे में बात नहीं करते। हम परीक्षण करेंगे क्योंकि वे परीक्षण करते हैं और अन्य भी करते हैं। और निश्चित रूप से उत्तर कोरिया भी परीक्षण कर रहा है। पाकिस्तान परीक्षण कर रहा है।" उनके इस बयान के बाद इंटरनेट पर कयासों का दौर शुरू हो गया कि पाकिस्तान ने अप्रैल और मई के बीच गुप्त परमाणु परीक्षण किए हो सकते हैं।

भूकंपों का संदर्भ
अप्रैल 30 से मई 12 के बीच अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आए 4.0 से 4.7 तीव्रता वाले भूकंपों के कारण कुछ लोगों ने यह कयास लगाए कि ये भूकंप पाकिस्तान के चागाई-I और चागाई-II परमाणु परीक्षण (28 और 30 मई, 1998) की तीव्रता के समान थे। हालांकि, पाकिस्तान ने पहले स्पष्ट किया था कि उसने कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है। एक वरिष्ठ पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारी ने CBS News को बताया, "पाकिस्तान परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने वाला पहला देश नहीं होगा। पाकिस्तान पहले भी परमाणु परीक्षण करने वाला पहला देश नहीं था और भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा।"

PAK-यूएस संबंधों में बदलाव
यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान ने ट्रंप प्रशासन के साथ संबंधों को सुधारने की कोशिश की है। हाल के महीनों में पाकिस्तान ने कई बार अमेरिकी नीतियों के साथ तालमेल बिठाया है, जिससे राजनीतिक वास्तविकताओं की अनदेखी हुई। ध्यान रहे कि पाकिस्तान ने 1998 के बाद से कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है। उस वर्ष पाकिस्तान ने भारत के राजस्थान स्थित पोखरण-II परमाणु परीक्षण के जवाब में चागाई-I और चागाई-II परीक्षण किए थे।

परमाणु सुरक्षा पर नई बहस
ट्रंप के बयान और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया ने दक्षिण एशिया में परमाणु सुरक्षा और रणनीतिक संतुलन को लेकर वैश्विक स्तर पर नई बहस खड़ी कर दी है। भारत ने हमेशा इस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने और गुप्त परमाणु गतिविधियों की निगरानी पर जोर दिया है।