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खालसा एड इंडिया में प्रमुख का इस्तीफा, राहत कार्यों पर असर

खालसा एड इंडिया में प्रमुख अमरप्रीत सिंह ने इस्तीफा दे दिया है, जिसके पीछे यूके मुख्यालय की दखलअंदाजी का आरोप है। उन्होंने बताया कि इस हस्तक्षेप के कारण राहत कार्यों में बाधा आई है और जरूरतमंदों तक समय पर सहायता नहीं पहुंच पाई। उनके इस्तीफे के बाद कई स्वयंसेवकों ने भी असंतोष व्यक्त किया है। खालसा एड ने भारत में बाढ़, भूकंप और कोविड जैसे संकटों में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है।
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खालसा एड इंडिया में प्रमुख का इस्तीफा, राहत कार्यों पर असर

खालसा एड इंडिया में बदलाव

खालसा एड इंडिया में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है। संस्था के प्रमुख अमरप्रीत सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि यूके मुख्यालय की निरंतर दखलअंदाजी के कारण भारत में राहत कार्यों में बाधा आई है, जिससे जरूरतमंदों तक समय पर सहायता नहीं पहुंच पाई।



सोशल मीडिया पर अमरप्रीत सिंह ने लिखा कि उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया गया और टीम के कार्यों में बार-बार हस्तक्षेप किया गया। उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा सेवा के भाव से काम किया, लेकिन यूके ऑफिस के रवैये ने कार्य करना कठिन बना दिया। स्थानीय टीम की मेहनत और निर्णयों को नजरअंदाज किया गया, जिससे कई बार मदद में देरी हुई।"


उन्होंने यह भी बताया कि खालसा एड की टीम ने बाढ़, भूकंप और कोविड जैसे संकटों में लगातार काम किया, लेकिन हाल के महीनों में संगठन के ढांचे में बदलावों ने सेवा की भावना को कमजोर कर दिया। सूत्रों के अनुसार, अमरप्रीत सिंह के इस्तीफे के बाद कई स्वयंसेवकों ने भी असंतोष व्यक्त किया है।


कुछ स्वयंसेवकों ने यूके ऑफिस पर भारत के संचालन में "अत्यधिक नियंत्रण" का आरोप लगाया है। खालसा एड इंटरनेशनल की स्थापना 1999 में रवि सिंह ने की थी और यह दुनिया के विभिन्न देशों में राहत कार्य करती है। भारत में इस संगठन ने बाढ़, कोरोना महामारी और भूकंप जैसी आपदाओं के दौरान व्यापक सहायता प्रदान की थी।