गाजा शांति शिखर सम्मेलन 2025 में शहबाज शरीफ की ट्रंप की प्रशंसा

गाजा शांति शिखर सम्मेलन 2025
गाजा शांति शिखर सम्मेलन 2025: मिस्र में आयोजित गाजा शांति शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा में ऐसा भाषण दिया कि वहां उपस्थित सभी नेताओं को आश्चर्य हुआ। शहबाज ने ट्रंप को याद दिलाया कि पाकिस्तान ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया था और भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का श्रेय भी ट्रंप को दिया।
उनका भाषण इतना प्रभावशाली था कि इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी भी सुनकर चकित रह गईं। पोडियम पर आते ही शहबाज ने ट्रंप की नेतृत्व क्षमता और शांति प्रयासों की सराहना की।
'दक्षिण एशिया में शांति लाई...'
उन्होंने कहा, 'आज का दिन समकालीन इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों के कारण शांति स्थापित हुई है। ट्रंप ने न केवल दक्षिण एशिया में शांति लाई, बल्कि गाजा और मध्य पूर्व में लाखों लोगों की जान भी बचाई।' उन्होंने यह भी कहा कि वे ट्रंप को फिर से नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करना चाहेंगे क्योंकि उन्हें विश्वास है कि ट्रंप इस पुरस्कार के सबसे योग्य उम्मीदवार हैं।
'उदाहरण देने लायक नेतृत्व' का सलाम
शहबाज ने ट्रंप को उनके दूरदर्शी और प्रेरणादायक नेतृत्व के लिए भी सराहा। उन्होंने कहा, 'आप वह व्यक्ति हैं जिसकी दुनिया को इस समय सबसे ज्यादा आवश्यकता है। दुनिया आपको हमेशा एक ऐसे नेता के रूप में याद रखेगी जिसने कई युद्धों को रोकने के लिए अपने प्रयासों में सब कुछ लगा दिया।' ट्रंप इस प्रशंसा पर खुश हुए और हल्की चुटकी लेते हुए बोले, 'वाह! मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी। चलो घर चलते हैं, मेरे पास कहने के लिए और कुछ नहीं है। सभी को अलविदा। यह वास्तव में सुंदर और खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया।'
Pakistan PM Shehbaz Sharif buttering up Donald Trump like he’s applying for a “Make Pakistan Great Again”scholarship. 🍞🇵🇰🇺🇸
— H D G (@iamhasu) October 14, 2025
Trump must be thinking, “Finally, someone who appreciates me more than I do myself.” 😎#Trump #Pakistan #DiplomaticComedy pic.twitter.com/5og2EU88ia
यह शिखर सम्मेलन यह दर्शाता है कि शहबाज शरीफ ने ट्रंप को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के लिए प्रशंसा की कोई कमी नहीं छोड़ी, और उनके भाषण ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों और वैश्विक शांति प्रयासों को उजागर किया।