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गाजा शांति सम्मेलन: क्या यह संघर्ष का अंत लाएगा?

गाजा शांति सम्मेलन, जो मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित हो रहा है, इज़राइल-हमास संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत 20 बिंदुओं के शांति प्रस्ताव को इज़राइल ने स्वीकार कर लिया है, जबकि हमास ने इसे आंशिक रूप से स्वीकार किया है। सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, लेकिन इज़राइल और हमास इस प्रक्रिया में अनुपस्थित रहेंगे। क्या यह सम्मेलन संघर्ष का अंत लाएगा? जानें इस लेख में।
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गाजा शांति सम्मेलन: क्या यह संघर्ष का अंत लाएगा?

गाजा शांति सम्मेलन का आयोजन


सोमवार को मिस्र के शर्म अल-शेख में गाजा शांति सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है, जिसे इज़राइल-हमास संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, और इसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी द्वारा सह-अध्यक्षता किया जाएगा।


शांति प्रस्ताव की चर्चा

ट्रंप ने गाजा युद्ध को स्थायी रूप से समाप्त करने के लिए 20 बिंदुओं का एक शांति प्रस्ताव पेश किया है, जिसे इज़राइल ने स्वीकार कर लिया है, जबकि हमास ने इसे आंशिक रूप से स्वीकार किया है। ट्रंप रविवार को इज़राइल का दौरा करेंगे और उसके बाद मिस्र की ओर बढ़ेंगे। इस बीच, इज़राइल और हमास के बीच बंदियों की अदला-बदली की प्रक्रिया आज से शुरू होने वाली है।


सम्मेलन में भाग लेने वाले देश

इस सम्मेलन में अमेरिका, मिस्र, कतर, फ्रांस, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, स्पेन, इटली, यूरोपीय संघ, अरब लीग, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, कुवैत, बहरीन, इंडोनेशिया, अज़रबैजान, जर्मनी, ग्रीस, आर्मेनिया, हंगरी, भारत, पाकिस्तान, कनाडा, नॉर्वे और इराक जैसे कई देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है, लेकिन विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।


इज़राइल और हमास की अनुपस्थिति

दिलचस्प बात यह है कि इज़राइल और हमास, जो इस संघर्ष के मुख्य पक्ष हैं, इस सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे हैं। इज़राइली प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि कोई भी इज़राइली अधिकारी सम्मेलन में उपस्थित नहीं होगा। वहीं, हमास ने भी अपने प्रतिनिधियों को भेजने का निर्णय नहीं लिया है। राजनयिक सूत्रों के अनुसार, सम्मेलन के दौरान अमेरिका, मिस्र, कतर और तुर्की एक गारंटी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसमें शांति प्रक्रिया और बंदियों की अदला-बदली का आश्वासन दिया जाएगा।


शांति की दिशा में कदम

बुधवार को हमास द्वारा इज़राइली बंधकों को रिहा करने की योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत, हमास 48 बंधकों को रिहा करेगा, जिनमें 20 जीवित और 28 मृत बंधक शामिल हैं। इसके बदले में, इज़राइल लगभग 250 फिलिस्तीनी कैदियों और 1,700 गाजा से हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करेगा। इस प्रकार, गाजा में मानवीय सहायता को बढ़ाने की योजना बनाई गई है। हालांकि, अभी भी कुछ विवादित मुद्दे हैं, जैसे कि गाजा पर शासन कौन करेगा, इज़राइली सेना की वापसी की सीमा क्या होगी, और हमास को निरस्त्र करने के तरीके।


संघर्ष का इतिहास

7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इज़राइल पर हमले के बाद यह संघर्ष शुरू हुआ, जिसमें लगभग 1,200 लोगों की जान गई और 251 लोग बंधक बन गए। इसके जवाब में, इज़राइल की कार्रवाई में गाजा में भारी तबाही हुई, जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 67,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए। इससे पहले जनवरी में एक युद्धविराम समझौता हुआ था, लेकिन दो महीने बाद फिर से लड़ाई शुरू हो गई।